144 मदरसों के 432 शिक्षकों का मानदेय बंद
-मदरसा पोर्टल पर नहीं हो पाए पंजीकृत, सुविधाएं की गईं शून्य -मान्यता खत्म करने की प्रक्रि
-मदरसा पोर्टल पर नहीं हो पाए पंजीकृत, सुविधाएं की गईं शून्य
-मान्यता खत्म करने की प्रक्रिया शुरू, मानकों पर खरे उतरे 250 मदरसा
संवादसूत्र, बाराबंकी : मानकों पर खरे न उतरने वाले 144 मदरसों की सरकारी सुविधाएं शून्य कर दी गई है। यहां 432 शिक्षकों का मानदेय बंद कर दिया गया है। मान्यता रद करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस कार्रवाई से मदरसा प्रबंध समिति में हड़कंप मच गया है।
जिले में मान्यता प्राप्त 394 मदरसा संचालित होते हैं। इन मदरसों को ऑनलाइन करने के लिए सरकार ने मदरसा पोर्टल पर पंजीकरण कराने का आदेश दिया था। मदरसा बोर्ड परीक्षा से पहले 250 मदरसे अपने मानकों पर खरे उतरे और उन्होंने ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया। जबकि 144 मदरसों ने पंजीकरण नहीं करा सके। जिससे यह माना जा रहा है कि पंजीकरण न कराने वाले मदरसे मानक विहीन है। इनकी सारी सरकारी सुविधाएं रोक दी गई हैं।
यह रोकी गई सुविधा
मान्यता प्राप्त मदरसों को प्रति वर्ष मदरसा आधुनिकीकरण के लिए बजट मिलता है। जिसमें कंप्यूटर, रखरखाव, रंगाई-पुताई के साथ-साथ छात्र और छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके अलावा सरकार मदरसों के तीन शिक्षकों को सरकारी मानदेय नौ से 12 हजार रुपये देती है। बोर्ड परीक्षा में हिस्सा लेते हैं, बच्चों को प्रमाणित अंकपत्र और टीसी मिलती है। इन तमाम योजनाओं को अपंजीकृत मान्यता प्राप्त मदरसों से वंचित कर दिया गया है। अपंजीकृत 144 मदरसों के 432 शिक्षकों को अब मानदेय नहीं मिलेगी। इसके अलावा मान्यता रद होने की कार्यवाही भी अल्पसंख्यक विभाग ने शुरू कर दी है।
कोट
मदरसा पोर्टल पर पंजीकरण न कराने वाले मान्यता प्राप्त मदरसों को सभी सरकारी सुविधाएं रोक दी गई हैं। इन्हें सरकार से कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। पंजीकरण इसलिए नहीं हुआ है कि यह मदरसे मानक के अनुरूप नहीं थे। जबकि 250 मदरसों को सरकारी सुविधा दी जाएगी।
-बीके द्विवेदी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, बाराबंकी।