अधर में हर खेत को पानी पहुंचाने की सरकारी मंशा
हर खेत को पानी पहुंचाने की सरकारी मंशा अधर में है। यह कहना इसलिए गलत न होगा क्योंकि छोटी-बड़ी नहरों की सफाई की तो औपचारिकता निभाई गई लेकिन जिन नालियों (गूल) के जरिए खेतों तक पानी पहुंचता है वह कई स्थानों पर टूट व पट चुकी हैं। ंकी हर खेत को पानी पहुंचाने की सरकारी मंशा अधर में है। यह कहना इसलिए गलत न ह
बाराबंकी : हर खेत को पानी पहुंचाने की सरकारी मंशा अधर में है। यह कहना इसलिए गलत न होगा क्योंकि छोटी-बड़ी नहरों की सफाई की तो औपचारिकता निभाई गई, लेकिन जिन नालियों (गूल) के जरिए खेतों तक पानी पहुंचता है वह कई स्थानों पर टूट व पट चुकी हैं। इसके अलावा कुछ माइनरों की सफाई भी टेल तक नहीं हो सकी है। इससे किसान पंपिग सेट या ट्यूबवेल से सिचाई करने को विवश हैं। प्रस्तुत है रिपोर्ट..
मसौली ब्लाक की मूंजापुर माइनर से निकली अधिकांश नालियां टूट चुकी हैं। प्रधान प्रतिनिधि किसान मुईन अंसारी ने बताया कि सिचाई एवं जल संसाधन विभाग पक्की नालियां बनवाता था, लेकिन बांसा माइनर की नालियां कच्ची ही हैं। नालियों को मनरेगा से साफ कराने क लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। हरख ब्लाक के ग्राम बरेहटा के किसान तुलसीराम, मोलहे व सुरेश सहित अन्य बताया कि 15 साल पहले तक उनके खेतों से नवाबगंज रजबहा से निकली गूल के जरिए पानी आता था। धीरे-धीरे गूल पहले टूट गई फिर लोगों ने उसे खेत में मिला लिया। अब पंपिग सेट से सिचाई करनी पड़ती है। त्रिवेदीगंगज ब्लाक के ग्राम ओल्हेपुर के संतोष, शिवम, विजय, राम बरन, राम सागर, राम प्रताप सहित अन्य ने बताया कि माइनर से ओल्हेपुर, महंगू का पुरव व तहवापुर के खेतों की सिचाई पहले होती थी। अब नालियां पटने से पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
रामनगर ब्लाक की छंदवल माइनर से जुड़ी नालियां टूटी होने से ग्राम रमवापुर तेलवारी, सराय चक, जफरपुर, मनौरा, सैदनुपर, नंदऊपारा, बिलौली, सराय गौरा तक पानी नहीं पहुंच रहा है।
माइनरों की भी अधूरी सफाई : त्रिवेदीगंज इलाके की बुढ़नापुर माइनर में ककरी गांव के निकट करीब दौ सौ मीटर सफाई नहीं की गई है। किसान धर्मराज, नेकपाल, ओम प्रकाश दीक्षित ने बताया कि सफाई न होने से पानी खेतों तक नहीं आ रहा है। अवर अभियंता राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि अधूरी सफाई छोड़ने वाले ठेकेदार का भुगतान रोका जाएगा। निदूरा ब्लाक की नहवई व फुलवारी माइनर में सिल्ट व घास-फूस उगी है। नहवई गांव के आशाराम का कहना है कि जल्दबाजी में सफाई की औपचारिकता निभाई गई है। इससे नहर में पानी छोड़े जाने पर वह खेतों में पहुंचकर फसलों की बर्बादी की वजह बनता है। इनसेट-
नालियों का निर्माण सिचाई एवं जल संसाधन विभाग कराता है। नहरों की सफाई कराई गई है। जहां कहीं कोई कमी रह गई है। सत्यापन कर उसे दूर कराया जा रहा है।
राकेश वर्मा, अधिशासी अभियंता (सिचाई), बाराबंकी