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सरकारी व निजी चिकित्सालयों की ओपीडी बहाल, बरतनी होगी सतर्कता

बाराबंकी जिले में 19 सीएचसी 54 पीएचसी के अलावा 630 उपकेंद्रों समेत प्राइवेट चिकित्सालयों एवं नर्सिग होम में सेवाएं फिर से शुरू होंगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 11:39 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 11:39 PM (IST)
सरकारी व निजी चिकित्सालयों की ओपीडी बहाल, बरतनी होगी सतर्कता
सरकारी व निजी चिकित्सालयों की ओपीडी बहाल, बरतनी होगी सतर्कता

बाराबंकी : कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान बंद हुई सरकारी और निजी चिकित्सालयों की ओपीडी सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। जिले में कोविड 19 के संक्रमण के ²ष्टिगत 19 सामुदायिक केंद्रों, 54 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा 630 उप केंद्रों सहित जिले के प्राइवेट चिकित्सालयों एवं नर्सिग होम की ओपीडी संबंधी सभी बंद सेवाएं फिर से शुरू होंगी। इस संबंध में गाइड लाइन जारी की गई है।

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अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केएनएम त्रिपाठी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद के आदेशानुसार प्रथम चरण में जिले के समस्त जिला, संयुक्त, महिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा निजी चिकित्सालयों में आवश्यक सेवाओं संबंधित ओपीडी को प्रारंभ किया गया था। द्वितीय चरण में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, एवं प्राइवेट क्लीनिकों की सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू होंगी। उन्होंने बताया कि ओपीडी के दौरान मरीज के साथ केवल एक तीमारदार को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। मरीज और तीमारदार, दोनों को मास्क प्रयोग करना आवश्यक है। ऐसे मरीज जिन्हें जुकाम, खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में तकलीफ होगी, उनकी जांच अलग कमरे में की जाएगी। मरीजों की संख्या को देखते हुए पंजीकरण काउंटर बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी दशा में सामाजिक दूरी का उल्लंघन न होने पाए। इसके अलावा मधुमेह, उच्च रक्तचाप (एनसीडी) वाले मरीजों को एक माह की दवा दी जाएगी ताकि उन्हें बार-बार स्वास्थ्य केंद्र में न आना पड़े। निजी चिकित्सालयों हेतु जारी किए गये दिशा निर्देश : ओपीडी के लिए मरीजों को पहले से समय देकर बुलाया जाए। और एक घंटे की अवधि में केवल चार से पांच मरीजों को ही समय दिया जाए, ताकि अनावश्यक भीड़ से बचा जा सके। क्लीनिक परिसर को एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से विसंक्रमित किया जाए। एसीएमओ ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों के फर्श, दीवारों, फर्नीचर, दरवाजे, हैण्डवल एवं अन्य सतहों हाइपोक्लोराइट घोल से नियमित सफाई किया जाए। प्रत्येक सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों व निजी चिकित्सालयों में रोगी के सहयोगी के रूप में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को अनुमति आने की न दिया जाए।


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