बाढ़ क्षेत्र के किसानों को मुआवजे का इंतजार
बाराबंकी : घाघरा नदी की बाढ़ में खरीफ की फसलें नष्ट होने के बाद अब किसान रबी फसलों
बाराबंकी : घाघरा नदी की बाढ़ में खरीफ की फसलें नष्ट होने के बाद अब किसान रबी फसलों की बोआई की तैयारी में जुटे हैं। आलू, सरसों, गेहूं चना-मसूर मटर आदि के लिए खेत तैयार करने हैं। किसानों को बीज व खाद का इंतजाम भी करना है पर बाढ़ से खरीफ की फसलों के हुए नुकसान का मुआवजा मिलने के आसान नहीं दिखाई पड़ रहे।
किसानों का कहना है कि समय से मुआवजा मिल जाता तो रबी फसलों की बोआई में काफी मदद मिल जाती। ग्राम रखौना के सुरेश, कोमल, रामबली, अलीनगर के इंसान अली, रमेश, कितूर के मेढ़ीलाल मौर्या, केशव राम, चंदराम, राम सहाय, अनिल कुमार, लाला पुरवा के रमेश श्रीवास्तव, रामविलास, कल्लू, लल्ला व बाबादीन आदि 15 से पांच बीघा जोत वाले किसान हैं। इनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। फसल नुकसान का मुआवजा मिल जाए तो रबी फसलों के लिए खाद-बीज का इंतजाम कर लेंगे। इसी तरह ग्राम पचरिया, सनावा, सरदहा, परसा व कोठरी गोरिया गांव को किसान भी फसल नुकसान के मुआवजा का इंतजार कर रहे हैं।
फसल नुकसान से संबंधित रिपोर्ट जमा करने के निर्देश बाढ़ क्षेत्र के लेखपालों को दिए गए हैं। नुकसान का आंकलन भेजे जाने के बाद मुआवजा की धनराशि प्राप्त होगी।
अखिलेश कुमार ¨सह, तहसीलदार सिरौलीगौसपुर