बरामद शराब की शीशियों पर मिला फर्जी बार कोड
बाराबंकी मृतकों के घर से मिली प्रयोग की गई शराब की शीशी और गांव के बाहर फेंके गए बार कोड फर्जी पाए गए।
बाराबंकी : मृतकों के घर से मिली प्रयोग की गई शराब की शीशी और गांव के बाहर फेंके गए बार कोड फर्जी पाए गए। आबकारी विभाग अगर सतर्कता बरतता तो इस हादसे को रोका जा सकता था। क्योंकि जिले में मिलावटी शराब तैयार करने की सामग्री लंबे समय से सप्लाई की जा रही है। जिसका डेढ़ माह पूर्व फतेहपुर पुलिस ने एक गिरोह को पकड़कर इस गोरखधंधे का राजफाश किया था। इसके बावजूद आबकारी विभाग नहीं चेता और 14 लोगों की जान मिलावटी शराब ने ले ली।
मिलावटी शराब से मौत का सिलसिला शुरू होते ही रातोरात शराब की दुकान से सारी शराब उठाकर आरोपितों ने गायब कर दी। इसमें से कुछ मिलावटी शराब व मिलावटी शराब बनाने की सामग्री सहित नकली बार कोड और कुछ डॉक्टरों के पर्चे भी मौके पर पाए गए। जिन घरों में मिलावटी शराब पीने से मौत हुई है उनके यहां से मिले शराब की खाली बोतलों पर चस्पा बार कोड में इक्का-दुक्का बार कोड ही सही थे। शेष नकली पाए गए। गौरतलब है कि 14 अप्रैल को फतेहपुर और मोहम्मदपुर खाला पुलिस ने मिलावटी शराब तैयार करने वाले फतेहपुर निवासी उत्तम कुमार जायसवाल व विपिन कुमार जायसवाल को गिरफ्तार किया था। इनके पास से भारी मात्रा में मिलावटी शराब सहित सैकड़ों बार कोड और पावर हाउस व विडीज ब्रांड के रैपर सहित तमाम सामग्री बरामद हुई थी। रानीगंज शराब ठेके पर भी इसी ब्रांड की मिलावटी शराब बेची जा रही थी। मोहम्मदपुर खाला व फतेहपुर पुलिस की कार्रवाई से जिले में सरकारी शराब के ठेकों पर मिलावटी शराब सप्लाई होने का भंडाफोड़ हुआ था। यही नहीं सीतापुर और बाराबंकी की सात-आठ दुकानें भी ऐसी चिन्हित की गई थीं। इस पर यह गिरोह मिलावटी शराब सप्लाई कर रहा था। इसके बावजूद विभाग ने सतर्कता नहीं दिखाई। विभाग की इस चूक का खामियाजा 10 परिवारों को 14 जान गंवाकर चुकाना पड़ा।