गेहूं का रकबा घटा, दलहन-तिलहन का बढ़ा
जिले में रबी फसलों की बोआई पूरी हो चुकी है। बुआई के बाद जो तस्वीर सामने आई है उसमें गेहूं की फसल का रकबा पिछले साल के सापेक्ष 21 हजार 366 हेक्टेयर कम हो गया। वहीं तिलहनी व दलहनी फसलों का रकबा बढ़ा है। पिछले वर्ष के सापेक्ष सबसे ज्यादा सरसो का रकबा 394
बाराबंकी : जिले में रबी फसलों की बोवाई पूरी हो चुकी है। इसके बाद जो तस्वीर सामने आई है उसमें गेहूं की फसल का रकबा पिछले साल के सापेक्ष 21 हजार 366 हेक्टेयर कम हो गया। वहीं, पिछले वर्ष के सापेक्ष सरसों का रकबा 39488 हेक्टेयर बढ़ा है। इसकी वजह एक यह भी है कि सरसों, चना, मटर, मसूर आदि तिलहन और दलहन फसलें एक साथ मार्च के महीने में तैयार हो जाती हैं। खेत खाली होने पर मेंथा की फसल बोते हैं। मेंथा ऑयल का भाव दो हजार रुपये प्रति किलो रहा।
रबी फसलों में सबसे ज्यादा गेहूं की फसल बोने का लक्ष्य है। इसके सापेक्ष पिछले वर्ष 158346 हेक्टेयर में इसकी बोवाई हुई थी। इस बार 21 दिसंबर तक लक्ष्य के सापेक्ष गेहूं 137010 हेक्टेयर में बोवाई हुई जो पिछले साल के सापेक्ष 21366 कम है। वहीं, राई-सरसों का रकबा पिछले वर्ष 20616 हेक्टेयर था। इस बार बोवाई का रकबा 60104 हेक्टेयर रहा। चना की 903 हेक्टेयर में बोवाई की गई। इसी प्रकार मटर का रकबा पिछले 2685 हेक्टेयर था। इस बार 4106 हेक्टेयर में बोवाई हुई। मसूर पिछली बार 12385 और 15598 हेक्टेयर, मक्का पिछले साल 440 और इस बार 641 हेक्टेयर में बोई गई।
तिलहन-दलहन से मिलेगी जायद की फसल : बंकी ब्लॉक के ग्राम गंज बस्ती निवासी उपेंद्र द्विवेदी का कहना है कि गेहूं का रकबा कम कर सरसों ज्यादा बोई है ताकि जायद में मेंथा की फसल मिल जाए। ग्राम जरहरा के शिव कुमार ने बताया कि मेंथा जायद की नकदी फसल है जो 15 अप्रैल तक तैयार हो जाती है। जरहरा के ही प्रदीप कुमार ने बताया कि वह गेहूं की फसल भी अच्छी पैदा करते हैं पर जितने खेत में मेंथा बोनी होती है उसमें तिलहन-दलहन की फसलें बोते हैं।
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फसल लक्ष्य (रकबा)
गेहूं एक लाख 71 हजार 194 हेक्टेयर
राई-सरसों 23969 हेक्टेयर
चना 902 हेक्टेयर
मटर 4101 हेक्टेयर
मसूर 15597 हेक्टेयर
मक्का 638 हेक्टेयर
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कोट
किसानों को अनुदान पर 75085 क्विंटल का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष 75365 क्विंटल बीज मिला जो शत-प्रतिशत वितरित कर दिया गया। जौ 19, चना 281.40, मटर 1197.60, मसूर 1924, राई-सरसों 857.20 और तोरिया का बीज 68.40 क्विंटल वितरित किया गया।
-संजीव कुमार, जिला कृषि अधिकारी बाराबंकी