नाबालिग को न दें पावर बाइक और लग्जरी कार
सड़क सुरक्षा सप्ताह प्रतिदिन चार से पांच नाबालिग चालकों के होते हैं चालान
संवादसूत्र, बाराबंकी : सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए नाबालिग बच्चों के वाहन चलाने पर कड़ी पाबंदी है। बावजूद इसके अभिभावक लाड़-प्यार व अपनी सुविधा के लिए अपनी संतान को स्वयं मौत का सामान थमा देते हैं। नाबालिग को वाहन चलाने पर 25 हजार रुपये के अर्थदंड का प्रावधान है। विद्यालय आने-जाने और दोस्तों के साथ सैर-सपाटे के लिए नाबालिग भी दोपहिया वाहन पर फर्राटा भरते हैं। संपन्न परिवार के बच्चों को लग्जरी कारें थमा दी जाती हैं। जबकि, लग्जरी वाहन और पावर बाइक पर नियंत्रण करना उनके बस की बात नहीं होती। यह अप्रशिक्षित बच्चे अपने और दूसरों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। बिना गियर का वाहन अनुमन्य : मोटर व्हीकल एक्ट में 16 से 18 वर्ष के नाबालिग बच्चों के लिए ड्राइविग लाइसेंस का प्रावधान है। लेकिन यह लाइसेंस केवल बिना गियर वाले वाहनों के लिए ही अनुमन्य होता है। हालांकि जिले में बिना गियर वाले लाइसेंसों की संख्या बहुत कम है। कार्रवाई का प्रावधान: टीएसआइ रितेश पांडेय ने बताया कि नाबालिग बच्चों के वाहन चलाए जाते हुए पकड़े जाने पर 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। इसमें नाबालिग के पिता के नाम नोटिस जारी की जाती है। इस पर जुर्माना उसे न्यायालय में जमा करना पड़ता है। हुए चालान लेकिन नहीं दी नोटिस : शासन ने भले ही 25 हजार रुपये का अर्थदंड रख दिया हो लेकिन यातायात पुलिस अभी तक एक भी ऐसी नोटिस नाबालिग चालक के पिता को नहीं भेजी है, जिससे यह अर्थदंड वसूला गया हो। टीएसआइ बताते हैं कि प्रतिदिन चार से पांच नाबालिग बच्चों का वाहन चलाते पकड़कर चालान किया जाता है। लेकिन उनके खिलाफ लिखित कार्रवाई के बजाय उनके परिवारजन को फोन कर चेतावनी दी जाती है।