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अनियमित दिनचर्या व गलत खान पान से बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज

अनियमित दिनचर्या व तनाव से जिले में मधुमेह के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। खासतौर पर युवाओं को भी डायबिटीज गिरफ्त में ले रही है। आमतौर पर पहले यह बीमारी 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को होती थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 11:56 PM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 11:56 PM (IST)
अनियमित दिनचर्या व गलत खान पान से बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज
अनियमित दिनचर्या व गलत खान पान से बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज

वी. राजा, बाराबंकी: अनियमित दिनचर्या व तनाव से जिले में मधुमेह के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। खासतौर पर युवाओं को भी डायबिटीज गिरफ्त में ले रही है। आमतौर पर पहले यह बीमारी 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को होती थी। लेकिन अब इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। 35 से 40 वर्ष के युवक मधुमेह से अधिक ग्रसित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की माने तो अप्रैल माह से अबतक 9828 लोग मधुमेह के जांच में मिल चुके हैं। इनमें से अधिकांश लोगों की आयु 40 से 45 वर्ष के मध्य बताई गई है।

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दो प्रकार की होती है डायबिटीज: सीएमओ डा. रामजी वर्मा ने बताया कि दो प्रकाश की डायबिटीज होती है। पहली इंसुलिन डिपेंडेंट टाइप वन में आती है। दूसरी टाइप टू में नान इंसुलिन डिपेंडडेंट डायबिटीज होती है। सुबह का व्यायाम व खानपान में सजगता से बचा रहे अपने को लोग: आजादनगर निवासी 51 वर्षीय श्याम मोहन वैश्य कहते हैं कि मुझे 15 वर्ष से शुगर है। मैं सिर्फ खानपान में सावधानी व सुबह का नित्य टहलना भूलता नहीं हूं। यहीं वजह है कि शुगर को लेबल पर रहती है। सत्यप्रेमीनगर निवासी अंशू जायसवाल कहती हैं कि दो वर्ष पूर्व मुझे शुगर होने का पता चला। तब से मैने तली भुना खाना बंद कर दिया। सादा खाना व नित्य व्यायाम से शुगर को कंट्रोल करी हूं। कटरा निवासी जुनेद अंसारी कहते हैं कि शुगर जब पांच वर्ष पहले पता चली तो मै डर गया था। लेकिन सुबह व शाम को टहलना व सादा खाना ही मेरा स्वास्थ्य बेहतर करे हैं। देवा रोड निवासी सुरेंद्र प्रताप सिंह मोनू कहते हैं कि मै सुबह स्टेडियम में तेज चाल व बैडमिटन खेलता हूं, साथ ही सादा भोजन अधिकतर खाता हूं। हमेशा से शुगर मेनटेन रही हैं। लाजपतनगर निवासी सरदार मनमीत सिंह सोनू का कहना है कि सुबह नित्य टहलना ही लाभप्रद है। इनसेट: पहले की अपेक्षाकृत वर्तमान समय में अनियमित दिनचर्या व गलत खानपान के कारण ही डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ी है। जिला चिकित्सालय के रक्तकोष परिसर में जांच की सुविधा उपलब्ध है। शुगर में भुख कम लगना, बार-बार लघु शंका आना। शरीर में कोई भी चोट जल्दी सही न होना शुगर बढ़ने का प्रमाण है। इसके अलावा तनाव भी शुगर को बढ़ता है। सुबह व शाम टहलना, सादा भोजन, व्यायाम करने से शुगर नियंत्रित हो सकती है। डा. एसके शुक्ला, रक्तकोष प्रभारी जिला चिकित्सालय, बाराबंकी।


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