कोरोना का खौफ, श्रद्धालुओं का रेला न वाहनों का जाम
क्षय नवमी पर हर साल रामभक्तों के उत्साह और जोश का साक्षी बनने वाले रामसनेहीघाट में सोमवार को सामान्य दिन की तरह ही चहल-पहल रही।
श्रीकांत तिवारी, रामसनेहीघाट (बाराबंकी) :क्षय नवमी पर हर साल रामभक्तों के उत्साह और जोश का साक्षी बनने वाले रामसनेहीघाट में सोमवार को सामान्य दिन की तरह ही चहल-पहल रही। गैर जनपदों से आने वाला जयश्रीराम घोष लगाता श्रद्धालुओं का रेला दिखा और न ही रेलवे स्टेशन और कस्बे में हर साल अक्षय नवमी पर वाहनों की कतार ही नजर आई। इसे कोरोना का खौफ ही कहा जाएगा कि वर्षों से 14 कोसी परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं भी मनमसोस कर घरों में ही रहे।
अक्षय नवमी से प्रतिवर्ष अयोध्या की ऐतिहासिक चौदह कोसी परिक्रमा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हो जाती है। इसमें गैरजनपद और प्रांतों के साथ ही रामसनेहीघाट तहसील के लोग भी काफी संख्या में परिक्रमा करते थे। अयोध्या जाने को आतुर श्रद्धालु बस, ट्रेन, ट्रक, छोटी गाड़ियों सहित अन्य साधनों से अयोध्या पहुंचते थे। अक्षय नवमी पर भिटरिया चौराहे पर मेले जैसा माहौल होता था। कितु इस वर्ष कोरोना के चलते सब तरह सामान्य सी चहल पहल दिखी। कोरोना काल के पहले बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग परिक्रमा में शामिल होने के लिए अयोध्या जाते थे। इस बार कोरोना के भय से लोग जाने को ही तैयार नहीं हुए। टूट गया क्रम..रामजी की मर्जी पंद्रह वर्षों से चौदह कोसी परिक्रमा करने वाले भिटरिया के बृजकिशोर शर्मा इस बार नहीं जा पाए। बताया कि शाम को जाते थे और सुबह तक परिक्रमा पूरी हो जाती थी। स्नान के बाद हनुमानजी के दर्शन के बाद घर वापसी होती थी। अबकी बार कोरोना के चलते परिक्रमा पर रोक लगी है। तिवारीपुर के पंकज तिवारी अपने मित्रों के साथ 20 वर्ष की उम्र से परिक्रमा करने जाते थे। इस बार न पहुंच पाने पर बताया कि क्रम टूट गया..रामजी की मर्जी।