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बाराबंकी : पशुपालन विभाग के नाम पर जालसाजी के मुकदमे में सिपाही निलंबित

बाराबंकी में पशुपालन विभाग में जालसाजी में शामिल सिपाही पर 2018 में इंदौर के व्यापारी को बाराबंकी लाकर टॉर्चर करने का भी है आरोप।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 05:35 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 05:35 PM (IST)
बाराबंकी : पशुपालन विभाग के नाम पर जालसाजी के मुकदमे में सिपाही निलंबित
बाराबंकी : पशुपालन विभाग के नाम पर जालसाजी के मुकदमे में सिपाही निलंबित

बाराबंकी, जेएनएन। पशुपालन विभाग में 292.14 करोड़ का आटा सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया से 9.72 करोड़ रुपये ठगने के बहुचर्चित मुकदमे में नामजद आरोपित सिपाही को पुलिस अधीक्षक ने सोमवार रात निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई एसपी ने मुकदमे के विवेचक की रिपोर्ट पर की है।

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गौरतलब है कि आटे का यह ठेका दिलाने के नाम पर मध्य प्रदेश के व्यापारी मंजीत भाटिया को इस हाई प्रोफाइल गैंग ने अपने चंगुल में फंसाया था। 2018 से यह साजिश चल रही थी। इसमें डील का तीन फीसद कमीशन इस गिरोह ने लिया था। नौ करोड़ 72 लाख रुपये वापस न करना पड़े इसके लिए गिरोह के सदस्य सिपाही दिलबहार यादव ने 2018 में बाराबंकी के अंसदरा थाने में लाकर टॉर्चर किया था। इस सिपाही की तैनाती बाराबंकी जिले में ही है और एक साल पहले एडीजी के आदेश पर लखनऊ संबंद्ध कर दिया गया था। 13 जून को हजरतगंज थाने में एसटीएफ की जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें सिपाही सहित 13 लोग नामजद किए गए थे। इस प्रकरण में पुलिस सात लोगों को जेल भेज चुकी है।

मुकदमा दर्ज होने के बाद इस सिपाही को लखनऊ से रिलीव कर दिया गया था। हालांकि इसने अभी बाराबंकी जिले में आमद नहीं कराई है और फरार चल रहा है। एसपी डाॅ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में नामजद सिपाही दिलबहार की संलिप्तता पाई गई है। मुकदमे के विवेचक की इस रिपोर्ट के आधार पर उसे निलंबित कर दिया गया है।


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