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'आधार' में उलझी प्रधानमंत्री सम्मान निधि

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 'आधार' में उलझकर रह गई है। हर गांव में दस-बीस ऐसे किसान हैं जिनके पास या तो आधार कार्ड नहीं है या कार्ड में नाम, जन्मतिथि व पिता का नाम गलत अंकित हैं। आधार संसोधन के लिए लोग गांव से जिला मुख्यालय तक आ रहे हैं। डीएम कार्यालय के सामने जन सुविधा केंद्र पर आधार कार्ड बनाने व संसोधन का कार्य बुधवार को नहीं हो सका। तमाम लोग निराश होकर लौटे। वेबसाइट रविवार तक बंद होने की बात जन सुविधा केंद्र संचालक बता रहा था। बंकी ब्लॉक के ग्राम मुनीमाबाद निवासी गौरीशंकर

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 11:50 PM (IST)
'आधार' में उलझी प्रधानमंत्री सम्मान निधि
'आधार' में उलझी प्रधानमंत्री सम्मान निधि

बाराबंकी : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 'आधार' में उलझकर रह गई है। हर गांव में दस-बीस ऐसे किसान हैं जिनके पास या तो आधार कार्ड नहीं है या कार्ड में नाम, जन्मतिथि व पिता का नाम गलत अंकित हैं। आधार संशोधन के लिए लोग गांव से जिला मुख्यालय तक आ रहे हैं। डीएम कार्यालय के सामने जन सुविधा केंद्र पर आधार कार्ड बनाने व संसोधन का कार्य बुधवार को नहीं हो सका। तमाम लोग निराश होकर लौटे। वेबसाइट रविवार तक बंद होने की बात जन सुविधा केंद्र संचालक बता रहा था। खतौनी निकलवाने के लिए तहसीलों में भी किसानों की भीड़ जुट रही है।

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बंकी ब्लॉक के ग्राम मुनीमाबाद निवासी गौरीशंकर ने बताया कि आधार कार्ड में उनकी जन्मतिथि के स्थान पर सिर्फ वर्ष 1961 अंकित है। तिथि नहीं है। ऐसे में लेखपाल ने संशोधन कराने को कहा है। विशुनपुर के अब्दुल कुद्दूस ने बताया कि उनके आधार कार्ड में सिर्फ कुद्दूस लिखा है। संसोधन में अब्दुल जब तक नहीं जुड़ेगा तब तक लाभ नहीं मिलेगा। गोपालपुर देवा के राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि उनके पिता का खतौनी में नाम नान्हू है। जबकि आधार कार्ड में नन्हूलाल हो गया है। राजेंद्र ने कहा कि आने-जाने में 60 रुपये खर्च हो गए। बेवसाइट न चलने से संसोधन नहीं हो सका। इसी तरह पूजा पत्नी स्वर्गीय राज कुमार के पास आधार कार्ड ही नहीं है। सिकंदरपुर की अनंता देवी ने बताया कि खतौनी में जमीन शांति देवी के नाम से है।

दो लाख किसानों की हुई फी¨डग

बाराबंकी : उपकृषि निदेशक डॉ. एके सागर का कहना है कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत चार लाख 12 हजार किसानों की सूची के सापेक्ष दो लाख किसानों का सत्यापन कर सूची की फी¨डग कराई जा चुकी है। रात भी फी¨डग का काम चलेगा। तहसील, ब्लॉक, डीआरडीए व ई-डिस्ट्रिक्ट लैब में भी फी¨डग का कार्य चल रहा है। करीब ढाई सौ कर्मचारी इस कार्य में लगे हैं।


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