भाजपा की चुनाव संग युवा नेतृत्व तराशने की कवायद
सपा के बाद भाजपा ने भी बनाई नई चुनावी रणनीति छह में से चार सीटों पर उतारे 50 से कम उम्र के प्रत्याशी
बाराबंकी : विधानसभा चुनाव में जीत के लिए राजनीतिक दल नई रणनीति बनाने के साथ ही नए प्रयोग भी कर रहे हैं। गुरुवार को नई रणनीति के तहत सपा के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भाजपा ने भी शुक्रवार को सूची जारी कर दी है। भाजपा ने भी नई रणनीति बनाते हुए टिकट वितरण में पुराने और नए चेहरों के बीच समन्वय स्थापित किया है। तीन विधानसभा सीटों पर जहां पुराने चेहरों पर विश्वास जताया है वहीं युवाओं को भी मौका दिया। 68 वर्षीय विधायक बैजनाथ रावत का टिकट काटकर वहां से 31 वर्षीय दिनेश रावत को टिकट देकर युवा नेतृत्व तराशने की कवायद को भी बल दिया है।
भाजपा प्रत्याशियों में दिनेश सबसे युवा
भाजपा ने हैदरगढ़ से विधायक का टिकट काटकर युवाओं को आगे बढ़ाने का संदेश दिया है। यहां से 32 वर्षीय दिनेश रावत को मैदान में उतारा है। उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई की है। दिनेश के पिता राजाराम वर्ष 2005 से 2010 तक जिला पंचायत सदस्य रहे हैं और उनकी पत्नी आरती रावत सिद्धौर की ब्लाक प्रमुख हैं। इनके अलावा बाराबंकी सदर से 50 वर्षीय अरविद मौर्य, दरियाबाद से 45 वर्षीय सतीश चंद्र शर्मा और जैदपुर से 48 वर्षीय अमरीश रावत को टिकट देकर युवा नेतृत्व तराशने की अपनी मुहिम को बल दिया है।
अनुभव को भी दी वरीयता
युवाओं को मौका देने के साथ ही अनुभव को नेतृत्व ने वरीयता दी है। पिछली बार विधायक रहे कुर्सी से 61 वर्षीय साकेंद्र प्रताप वर्मा और रामनगर से 57 वर्षीय शरद अवस्थी को दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है। पिछली बार भाजपा की सूची में सतीश चंद्र शर्मा सबसे युवा प्रत्याशी थे, जिन्हें इस बार भी मौका मिला है।
सबका विश्वास हासिल करने की कोशिश : पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले अरविद मौर्य को बाराबंकी सदर से प्रत्याशी बनाया है। इसे सबका विश्वास हासिल की कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है। साथ ही अरविद के जरिये पार्टी की जिले की मौर्य बिरादरी को भी साधेगी। वर्ष 2011 के आंकड़ों के मुताबिक सदर में दो, कुर्सी में दो, रामनगर में एक, जैदपुर में तीन, हैदरगढ़ में छह प्रतिशत मौर्य बिरादरी के मतदाता हैं।