जिले के विकास के लिए याद किए जाएंगे बेनी बाबू
जिले के विकास के लिए याद किए जाएंगे बेनी बाबू
बाराबंकी : लखनऊ के मेदांता अस्पताल में राज्यसभा सदस्य व सपा के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा के निधन की खबर से जिले में शोक की लहर फैल गई। हर किसी के मुंह से एक ही बात निकल रही है कि जिले के विकास के लिए बेनी बाबू याद किए जाएंगे। खासकर लोक निर्माण विभाग के प्रदेश में जब मंत्री रहे तो जिले में सड़कों का जाल बिछा था। हर गांव-गांव तक सड़क पहुंची।
केंद्र सरकार में दूरसंचार मंत्री बने तो जिस गांव में एक भी व्यक्ति ने यदि टेलीफोन कनेक्शन मांग लिया तो कई किमी नाली खोदकर केबिल उसके घर तक पहुंची। बेनी प्रसाद का विकास के प्रति उनका यह जज्बा किसी से छिपा नहीं है। विकास की बात होती है तो बेनी बाबू का नाम आ ही जाता है। वर्ष 1974 में पहली बार दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। इसके बाद मसौली विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक बने। इसके बाद कैसरगंज और गोंडा से भी सांसद रहे। मसौली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बरेहटा के पूर्व प्रधान रामफेरन अवस्थी ने बताया कि उनके गांव को जाने की सड़क नहीं थी। बेनी प्रसाद वर्मा जब लोक निर्माण मंत्री बने तब 300 मीटर तालाब के किनारे को पटवाकर गांव को सड़क बनवाई थी। इसी तरह सिरौली गौसपुर स्थित इनके पैतृक गांव के बगल बरदरी निवासी श्री प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 1965 में बाबू अशर्फीलाल यादव के साथ बेनी बाबू ने जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की थी। तब बेनी बाबू हिदी के मास्टर हुआ करते थे। उन्होंने हमें कक्षा आठ में पढ़ाया। बुढ़वल चीनी मिल के श्रमिकों की आवाज को बुलंद कर बेनी बाबू ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा। बुढ़वल केन यूनियन के वाइस चेयरमैन बने। इसके बाद दरियाबाद से विधायक। समाजवादी चितक गांधीवादी नेता राजनाथ शर्मा ने बताया कि शिक्षाकाल से ही बेनी बाबू से उनके संबंध रहे। नेबलेट कॉलेज में माध्यमिक स्तर तक पढ़ाई की। इसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी चले गए। अभी पिछले महीने 11 फरवरी को वह गांधी भवन में अपने जन्मदिन के मौके पर आए थे। यह पल हमेशा याद रहेंगे। पूरा जिला बेनी बाबू को विकास पुरुष के रूप में मानेगा। क्योंकि, विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा।
जन्म-11 फरवरी 1941
निधन-27 मार्च 2020
पिता का नाम-मोहनलाल वर्मा
माता का नाम-रामकली
राजनीतिक गुरु-रामसेवक यादव