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Barabanki Seat: बसपा प्रत्याशी गायब, भाजपा-कांग्रेस के बीच ही मुकाबला; BJP ने सोच-समझकर राजरानी पर खेला दांव

Barabanki Lok Sabha Seat बाराबंकी सुरक्षित लोक सभा क्षेत्र-53 में चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है। अभी तक भाजपा प्रत्याशी राजरानी रावत ने अपना पर्चा दाखिल किया है। कांग्रेस के प्रत्याशी तनुज पुनिया हैं। बसपा ने अभी तक कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। ऐसे में फिलहाल मुकाबला अभी राजरानी रावत व तनुज पुनिया के मध्य ही है।

By Prem Shankar Edited By: Aysha Sheikh Published: Sun, 28 Apr 2024 09:44 AM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2024 09:44 AM (IST)
Barabanki Seat: बसपा प्रत्याशी गायब, भाजपा-कांग्रेस के बीच ही मुकाबला; BJP ने सोच-समझकर राजरानी पर खेला दांव

प्रेम अवस्थी, बाराबंकी। बाराबंकी सुरक्षित लोक सभा क्षेत्र-53 में चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है। अभी तक भाजपा प्रत्याशी राजरानी रावत ने अपना पर्चा दाखिल किया है। कांग्रेस के प्रत्याशी तनुज पुनिया हैं। बसपा ने अभी तक कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। ऐसे में फिलहाल मुकाबला अभी राजरानी रावत व तनुज पुनिया के मध्य ही है।

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दोनों ही दलों की ओर से नुक्कड़ सभाएं, बैठकें व जातीय समीकरण के अनुसार जन संपर्क किया जा रहा है। भाजपा प्रत्याशी राजरानी मोदी-योगी की कल्याणकारी योजनाओं, श्रीराम मंदिर निर्माण जैसी उपलब्धियों को जनता के बीच रखकर अपनी जीत के लिए आशान्वित हैं। तनुज पुनिया को सपा के साथ आइएनडीआइए के अन्य दलों और अपने पिता पूर्व सांसद डा. पीएल पुनिया के संरक्षण के कारण अपनी जीत का भरोसा है।

राजरानी रावत को भाजपा ने सपा के वोटों में सेंधमारी के लिए ही चुनाव मैदान में उतारा है, क्योंकि राजरानी व वर्ष 2014 में सपा के टिकट पर लोक सभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। तब राजरानी के सामने कांग्रेस के डा. पीएल पुनिया थे। 2014 में जो सपाई राजरानी के लिए वोट मांगते हुए पुनिया की खिलाफत में जुटे थे, वही गठबंधन धर्म की जंजीरों से जकड़े हुए तनुज को जिताने व राजरानी को हराने की कोशिश में हैं।

वर्ष 2014 में राजरानी रावत को सपा के टिकट पर एक लाख, 59 हजार, 284 वोट मिले थे। तब कांग्रेस प्रत्याशी डा. पीएल पुनिया को दो लाख, 42 हजार, 336, बसपा के कमला प्रसाद रावत को एक लाख, 67 हजार, 150 वोट मिले थे। लेकिन जीत भाजपा प्रत्याशी प्रियंका सिंह रावत की हुई थी। प्रियंका को चार लाख, 54 हजार, 214 मत मिले थे।

वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा से उपेंद्र सिंह रावत पांच लाख, 35 हजार, 917 मत पाकर एक लाख, 10 हजार, 140 मतों के अंतर से जीते थे। तब सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी राम सागर रावत को चार लाख, 25 हजार, 777 मत मिले थे। कांग्रेस के तनुज पुनिया को एक लाख, 59 हजार, 611 मतों से संतोष करना पड़ा था। इस बार सपा से कांग्रेस का गठबंधन होने से कांग्रेस प्रत्याशी अपने लिए फायदेमंद मान रहे हैं।

सपा व कांग्रेस के लोग यादव, मुस्लिम व कुर्मी बिरादरी को भी अपना वोट बैंक मान रहे हैं, लेकिन जब मुस्लिम एकजुटता की बात आती है तो हिंदू वोटर भी जातीय दीवारों को तोड़कर हिंदुत्व की अलख जगाने से पीछे नहीं रहते हैं, इसीलिए वर्ष 2014 से 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जीत का अंतर बढ़ा था। फिलहाल चुनाव में नतीजा क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा लेकिन दोनों ही प्रत्याशी व उनके दलों के नेता अपनी-अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं।

भाजपा में शामिल हो गए कई सपाई व बसपाई

लोक सभा चुनाव की बेला में सपा व बसपा के कई नेता व जनप्रतिनिधि भाजपा में शामिल हो चुके हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सपा से लड़ने वाली नेहा आनंद, सपा से लोक सभा का टिकट मांगने वाली पूर्व सांसद कमला प्रसाद रावत की बहू लवली रावत, पुत्र वेद प्रकाश रावत, बसपा से विधान सभा चुनाव 2022 में रामनगर का चुनाव लड़ने वाले राम किशोर शुक्ल व बाराबंकी सदर से चुनाव लड़ने वाले डा. विवेक सिंह वर्मा भी भाजपाई हो गए हैं।


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