यातायात नियमों से बेपरवाह ऑटो चालक
ऑटो-ई रिक्शा चालकों की मनमानी से होते हैं हादसे और लगता है जाम
बाराबंकी : ऑटो और ई-रिक्शा जहां लोगों को परिवहन की सुविधा देते हैं, वहीं यातायात के लिए यह बड़ी समस्या भी हैं। समस्या केवल यातायात नियमों का पालन न करने के कारण पैदा हो रही है। यह समस्या वर्षों से चली आ रही है, लेकिन आज तक ऑटो चालक नियमों से चलना नहीं सीख पाए।
क्या है संचालन का नियम : जिले में 843 ऑटो पंजीकृत हैं। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन पंकज सिंह ने बताया कि जिले में सभी ब्लॉक और तहसील मुख्यालय पर कुल 21 केंद्र हैं। इस केंद्र से 16 किलोमीटर की परिधि में ऑटो कहीं भी संचालित हो कर परिवहन सेवा दे सकते हैं। इस परिधि से बाहर पाए जाने पर इनका परमिट निरस्त कर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है। वहीं 765 ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं जो जिले में कही भी किसी भी स्थान पर संचालित हो सकते हैं। गलियों से लेकर हाईवे तक कहीं भी यह अपनी सेवा देने के लिए नियमानुसार अधिकृत हैं। हालांकि कहीं-कहीं यातायात के ²ष्टितगत पुलिस या स्थानीय प्रशासन मार्ग विशेष पर इनको प्रतिबंधित कर सकता है।
बिना लाइसेंस चलते हैं चालक : ई-रिक्शा और ऑटो के तमाम चालक ऐसे भी हैं जो बिना ड्राइविग लाइसेंस के ही सवारियों को ढोते हैं। यातायात उपनिरीक्षक रितेश पांडेय ने बताया कि अक्सर बिना लाइसेंस वाले चालक मिलते हैं। ऐसे चालकों का चालान किया जाता है।
माल ढोते हैं वाहन : ई-रिक्शा और ऑटो अधिकांश तौर पर सवारी ढोने के लिए ही पंजीकृत होते हैं, लेकिन इन पर माल भी ढोया जाता है। यह नियम विरुद्ध है।
जाम का मुख्य कारण : जिले में कई ऑटो स्टैंड हैं। जहां से इनका संचालन होता है। बेतरतीब वाहन पार्किंग और यातायात नियमों को ताख पर रखकर चलने वाले इन ऑटो और ई-रिक्शा से आए दिन जाम लगता है।