आजादी की खुशी में कांग्रेस के झंडे संग निकाली थी प्रभातफेरी
आजादी की नई सुबह खुले में सांस लेने जैसे थी
बाराबंकी : पंडितपुर मजरे विशुनपुर निवासी 86 वर्षीय रामखेलावन तिवारी बताते हैं कि आजादी की पहली सुबह उत्साह और जोश का संचार करने वाली रही। देश के स्वतंत्र होने की जानकारी एक निजी विद्यालय के शिक्षक व तत्कालीन कांग्रेस नेता ओरीलाल जायसवाल के माध्यम से हुई।
वह पहले से स्वतंत्रता के लिए किए जा रहे प्रयासों और आंदोलनों की चर्चा किया करते थे और हम सब भी इससे संबंधित हर जानकारी जुटाने के लिए तत्पर रहते थे। इससे पंद्रह अगस्त को आजादी मिलने की उम्मीद पहले से ही थी। वह बताते हैं कि जब देश आजाद हुआ हमारी उम्र महज 12 साल की थी। कक्षा का मॉनीटर होने के कारण ध्वज संभालने का जिम्मा हमें मिला था, जोकि गौरवान्वित करने वाला था। बताया, तब कांग्रेस के झंडे के साथ पूरे कस्बे में प्रभातफेरी निकाली गई थी। आजादी की नई सुबह खुले में सांस लेने जैसे थी। इसका उत्साह भी दिख रहा था। एक-मिठाइयां वितरित की जा रही थीं और बधाई दी जा रही थी। वह बताते हैं कि आजादी की खुशी के साथ ही राष्ट्रीय एकता की झलक भी दिख रही थी। सभी पंथ और जातियों के लोगों के चेहरे पर इस ऐतिहासिक मौके की खुशी जाहिर हो रही थी। कुछ लोगों ने फलों का भी वितरण किया था।