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स्टांप वेंडरों की मनमानी से अधिवक्ता आक्रोशित

-ई-स्टांप लाइसेंस में देरी का फायदा उठा रहे वेंडर

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 11:36 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 11:36 PM (IST)
स्टांप वेंडरों की मनमानी से अधिवक्ता आक्रोशित
स्टांप वेंडरों की मनमानी से अधिवक्ता आक्रोशित

बाराबंकी: स्टांप की कमी का बहाना बताकर वेंडर मनमाना कमीशन वसूल रहे हैं। अधिवक्ताओं में इस प्रकरण के चलते स्टांप वेंडरों के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। एसडीएम ने जांच कराए जाने की बात कही है। तहसील मुख्यालय पर करीब आधा दर्जन वेंडर स्टांप विक्रय करते हैं। मानक के विपरीत काफी अधिक कमीशन वसूलने को लेकर अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया है। उप निबंधन कार्यालय में बैनामा के लिए रोजाना लाखों रुपये की स्टांप की जरूरत पड़ती है। इस संबंध में पूर्व बार अध्यक्ष गिरीश चंद्र वर्मा बताते हैं कि स्टांप बिक्री पर वेंडर अमूमन एक से डेढ़ प्रतिशत कमीशन लिया करते थे। मगर लॉकडाउन खुलने के बाद वेंडर तीन से चार प्रतिशत तक कमीशन की मांग कर रहे हैं, जिसको लेकर आये-दिन वकीलों एवं वेंडरों के बीच बहस होती है। उन्होंने बताया कि वेंडर स्टांप की कमी का बहाना बताकर स्टांप खरीदने वालों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। इसे रोका जाना चाहिए। अधिवक्ता सर्वेश श्रीवास्तव ने बुधवार को शिकायती पत्र एसडीएम को सौंप कर उचित कार्रवाई की मांग की है। बार अध्यक्ष हरनाम सिंह ने बताया कि स्टांप की कमी है। ई-स्टांप लाइसेंस शीघ्र निर्गत किए जाएं, ताकि स्टांप क्रेताओं का शोषण बंद हो। एसडीएम पंकज सिंह ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। आईजी स्टांप को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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