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हादसे लील रहे जिदगी, नहीं चेत रहे जिम्मेदार

परिवहन की कमी तो कहीं सड़क निर्माण एजेंसी बरत रही लापरवाही निजी ही नहीं रोडवेज चालक भी कर रहे नियमों की अनदेखी

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:32 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 12:32 AM (IST)
हादसे लील रहे जिदगी, नहीं चेत रहे जिम्मेदार

बाराबंकी : जिले में बड़े हादसों में लोग जिदगी गवां रहे हैं। परिवहन विभाग की लापरवाही सामने आ रही है तो कहीं सड़क निर्माण एजेंसियां मनमानी कर रही हैं। हादसों के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेत रहे हैं। निजी ही नहीं रोडवेज चालक भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। बिना परमिट के दौड़ रहे डग्गामार वाहनों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका है। चेकिग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। प्रस्तुत है पड़ताल करती रिपोर्ट..

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निदूरा : लखनऊ-महमूदाबाद मार्ग पर अधिसंख्य जगहों पर संकेतक गायब हो गए हैं। कोहरे में लोग हादसों का शिकार बन रहे हैं। छह माह में 24 से अधिक लोग घायल हुए। 25 दिसंबर को पोखन्नी गांव के निकट रेलिग विहीन पुलिया के चलते नहर में गिरे बाइक सवार युवक की मौत हो गई। 31 दिसंबर को रींवासीवा चौराहे पर पुआल लदी ट्राली में बाइक सवार पीछे से जा टकराया। इसमें एक की मौत हो गई थी।

रामसनेहीघाट : 24 अप्रैल को राष्ट्रीय राजमार्ग के बैसन पुरवा गांव के पास तीन बस आपस में टकराई थीं, जिसमें दो लोगो की मौके पर मौत हो गई थी और सात लोग घायल हुए थे। 22 सितंबर को राजमार्ग पर अयोध्या से बाराबंकी जाते वक्त दुर्घटना में दो की मौत हुई थी। पांच गंभीर रूप से घायल हुए। 28 जुलाई कल्याणी नदी के पुल पर हरियाणा से बिहार जा रही बस व ट्रक में टक्कर होने से 18 की मौत व एक दर्जन से अधिक घायल हुए थे। इसमें बस का परमिट समाप्त हो चुका था और क्षमता से अधिक यात्री भी थे।

बरेठी : असंचालित किसान पथ पर बबुरिहा गांव के पास सात अक्टूबर माह में हादसा हुआ था। इसमें 15 लोगों की जान चली गई और 26 लोग घायल थे। बस अमानक थी, बिना परमिट की फर्राटा भर रही थी।

हथौंधा : कोटवा सड़क में सनाकापुर मोड़ व लालपुर मोड़ के पास आए दिन दुर्घटना होती रहती हैं। यहां संकेतक की कमी है, अवैध कट हैं। अक्टूबर से लेकर अब तक तीन की मौतें हुई तो कई घायल हुए।

सतरिख : सड़क किनारे वाहनों के खड़ा कर दिए जाने और संकेतक न होने से बाराबंकी-हैदरगढ़ मार्ग पर हादसे होते रहते हैं। एक सप्ताह के अंतराल में दो लोगों की मौत हो चुकी है।

बांसा : बाराबंकी-बहराइच हाईवे पर संकेतक एवं स्पीड ब्रेकर पर अनदेखी का खमियाजा के चलते अक्सर सड़क दुघर्टना होती है। मसौली, शहावपुर, बिदौरा, मुबारकपुर आदि इलाकों में संकेतक न होने के कारण कई सड़क दुघर्टनाएं हो चुकी हैं।

सफदरगंज : लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर अवैध कट के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं।

त्रिवेदीगंज : लखनऊ सुलतानपुर हाईवे पर छंदरौली मोड़ के पास कट पर संकेतक लगे होने के बाद भी बीते 30 दिसंबर की शाम दुर्घटना में दो युवकों की मौत हो गई थी। मंगलपुर, त्रिवेदीगंज के पास पिछले छह महीने में करीब एक दर्जन हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोग घायल हो चुके हैं। दहिला पोखरा मार्ग, छंदरौली मंझूपुर मार्ग पर अंधे मोड़ हैं। संकेतक नहीं लगे हैं।

सिद्धौर : देवीगंज-कोटवा सड़क केसरगंज जैदपुर मार्ग पर दिन-रात गाड़ियां निकलती रहती हैं, लेकिन लोक निर्माण विभाग से आज तक कोई संकेतक या स्पीड ब्रेकर न बनवाए जाने से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

पोखरा : लखनऊ-सुलतानपुर हाईवे स्थित हैदरगढ़ मुख्य चौराहा व कस्बा पुलिस चौकी के सामने शुक्रवार को दर्जनों की संख्या में बेसहारा गोवंश खड़े हो जाने से सड़क पर जाम लग गया था।


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