पांच साल में बढ़ गए 26 डाल्फिन और 94 घड़ियाल
चार जिलों में टीएसए के सर्वेक्षण में आए उत्साहवर्धक आंकड़े जलीय जंतुओं को भा रहा सरयू का आंचल
निरंकार जायसवाल, बाराबंकी नमामि गंगे योजना के तहत वन एवं वन्यजीव विभाग और टर्टल सर्वायवल एलायंस (टीएसए) का चल रहा राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन का सर्वेक्षण कार्य पूरा हो गया है। सरयू नदी में 125 किलोमीटर के दायरे में हुए सर्वेक्षण में कछुओं के संख्या 400 डाल्फिन 107 तथा घड़ियाल 174 पाए गए हैं। पांच साल पहले के 182 किमी में हुए सर्वेक्षण के आंकड़ों की तुलना में यह संख्या दो गुने से भी अधिक हो गई है।
18 फरवरी को बहराइच से सर्वेक्षण की शुरुआत हुई थी। बाराबंकी, गोंडा और अयोध्या में सरयू नदी के 125 किमी तक सर्वेक्षण किया गया। इसमें डॉल्फिन के कई समूह जिसमें छोटे बड़े मिलाकर 20-20 तक की संख्या में देखने को मिले। पांच साल पर होने वाला यह सर्वेक्षण 22 फरवरी को अयोध्या में पूरा हुआ। इसमें जलीय जीवों गांगेय डाल्फिन, घड़ियाल, कछुओं, ऊदबिलाव की संख्या की गणना की गई। साथ ही नदी में विभिन्न जैविक दबाव का अनुश्रवण करना व वन्य जीवन को समझने के अतिरिक्त घड़ियाल एवं कछुओं के संरक्षण प्रबंधन में अहम भूमिका अदा करने के साथ वन्यजीवों के पर्यावासों के आंकड़े निकालना इसका उद्देश्य होता है। सर्वेक्षण से मिले आंकड़े : इस बार के हुए सर्वेक्षण में कछुओं के संख्या 400, डॉल्फिन 107 और घड़ियाल 174 पाए गए हैं, जबकि 2015 के सर्वे में डॉल्फिन 81 व घड़ियाल मात्र 80 पाए गए थे। कछुआ का सर्वेक्षण नहीं किया गया था। 2015 का सर्वे 182 किलोमीटर की दूरी में हुआ था, जबकि 2021 में 57 किलोमीटर कम यानी 125 किलोमीटर की दूरी में सर्वे किया गया है। डीएफओ डॉ. एनके सिंह ने बताया कि अब यह सर्वे प्रत्येक वर्ष फरवरी माह में किया जाएगा।