घाघरा में छोड़े गए लखनऊ कुकरैल के 25 घड़ियाल
संवादसूत्र गणेशपुर (बाराबंकी) कुकरैल प्रजनन केंद्र लखनऊ से लाए गए घड़ियाल के 25 बच्चों का घाघरा नदी में विमोचन किया गया। यह प्रक्रिया वन विभाग के अधिकारी और टॉरट्राई सर्वाइवल एजेंसी (कार्यदायी संस्था) की टीम ने पूरी की। इस दौरान यह नजारा देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लगा रहा।
बाराबंकी : कुकरैल प्रजनन केंद्र लखनऊ से लाए गए घड़ियाल के 25 बच्चों का घाघरा नदी में छोड़ा गया। यह प्रक्रिया
वन विभाग के अधिकारी और टॉरट्राई सर्वाइवल एजेंसी (कार्यदायी संस्था) की टीम ने पूरी की। इस दौरान यह नजारा देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लगा रहा।
कार्यदायी संस्था टॉरट्राई सर्वाइवल एजेंसी के निदेशक शैलेंद्र सिंह, अनामिका सिंह, ऑस्कर दीक्षित और वन विभाग के एसडीओ एसके तिवारी, रामनगर वन क्षेत्राधिकारी सुबोध कुमार शुक्ला, फतेहपुर के रमेश चंद्र भट्ट, वन दारोगा अवनीश द्विवेदी सहित पूरी टीम शनिवार की शाम करीब साढ़े चार बजे रामनगर अंतर्गत घाघरा नदी के संजय सेतु फुल के निकट घड़ियाल के 25 बच्चों को लेकर पहुंचे। अलग-अलग पैकिग में लाए गए घड़ियाल को टीम ने एक घाट पर नदी की तरफ मुंह करके रखा और एक साथ खोलकर नदी में छोड़ दिया। डीएफओ एनके सिंह ने बताया कि घड़ियाल की पूंछ में टैग लगाया गया है। जिससे सेटेलाइट के जरिए उनकी लोकेशन हासिल की जा सकेगी। पर्यावरण की ²ष्टि से इनको नदी में छोड़ा गया। वन क्षेत्राधिकारी रामनगर ने बताया कि घड़ियाल की लंबाई एक से दो मीटर और वजन 15 से 20 किलोग्राम तक है। यह करीब तीन से चार वर्ष के हैं। घाघरा नदी में इनको छोड़ने से पानी के छोटे जीव जंतु, पड़े हुए मृत पशु, पक्षी के अवशेष आदि को खाते हैं। जिससे पानी की सफाई होती है।
बना कौतुहल : घड़ियाल को नदी में छोड़ने के दौरान तमाम लोग मौके पर एकत्र हो गए। जब एक के बाद एक घड़ियाल निकलकर घाघरा नदी में जाने लगे तो यह पूरा नजारा वहां खड़े लोग अपने मोबाइल में कैद करने लगे। यह प्रक्रिया वहां मौजूद लोगों के लिए कौतुहल का विषय बनी रही।