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युवाओं की 'गोशाला' पशुओं के लिए बनी वरदान

जागरण संवाददाता बांदा जिले में जहां सरकारी गोशालाओं में गोवंशी पशुओं को तमाम समस्य

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:54 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 05:54 PM (IST)
युवाओं की 'गोशाला' पशुओं के लिए बनी वरदान
युवाओं की 'गोशाला' पशुओं के लिए बनी वरदान

जागरण संवाददाता, बांदा : जिले में जहां सरकारी गोशालाओं में गोवंशी पशुओं को तमाम समस्याएं हैं, वहीं घुरौंडा के युवाओं की अनूठी पहल वरदान बन गई है। खुद के प्रयास से गांव में गोशाला का निर्माण कराकर युवाओं ने उन्हें सर्दी व बारिश से बचाया है। 200 गोवंशी पशुओं का भरण-पोषण आपसी सहयोग से युवा कर रहे हैं। इससे किसानों को खेत की रखवाली नहीं करनी पड़ रही है।

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जिले में प्रशासन की ओर से 265 गोशालाएं संचालित हैं। इनमें अफसरों और सचिवों की लापरवाही से बेसहारा गोवंशी पशु आए दिन सर्दी और भूख से मर रहे हैं। किसान बेसहारा पशुओं से फसल बचाने के लिए भीषण सर्दी व बारिश के बीच रात में भी खेतों में मचान बनाकर फसलों की सुरक्षा कर रहे हैं। यह स्थिति जिले की ज्यादातर ग्राम पंचायतों में है। वहीं, महुआ ब्लाक की ग्राम पंचायत घुरौंडा में संचालित गुरुकुल विद्यालय के छात्र-छात्राओं व गांव के उदित नारायण शुक्ला, अंकित शुक्ला, संजय शुक्ला, रितेश त्रिपाठी, भोला शुक्ला, छोटू वर्मा, नत्थू वर्मा आदि कई युवाओं ने गांव में ही गोशाला बना दी है। इसमें गांव में बेसहारा घूम रहे गोवंशी पशुओं को आसरा दिया गया है।

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आचार संहिता में उतारे गए झंडे-बैनर दे रहे छांव

सबसे बड़ी चुनौती गोशाला में छांव की व्यवस्था करने की थी। पैसे की कमी में इसका प्रबंध महंगा पड़ रहा था लेकिन आचार संहिता में उतारे गए पार्टियों, नेताओं के बैनर, झंडों ने मदद की। बांस-बल्ली से गोशाला में छांव का इंतजाम किया गया है।

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पयार व पानी की भी व्यवस्था

गोशाला में गोवंशी पशुओं के पानी, पयार व भूसा आदि की व्यवस्था की गई है। इसमें सभी युवाओं का सहयोग है। रितेश त्रिपाठी ने बताया, युवाओं ने पहले गोशाला बनाकर पशुओं को संरक्षित करने के लिए सचिव व बीडीओ के यहां मिन्नतें की। कहीं सुनवाई नहीं होने पर खुद गोशाला बनाने, पशुओं के खाने-पीने व छाया के इंतजाम को लेकर संकल्प लिया।


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