ढाई माह से मोटर खराब होने पर कर्मियों को नहीं मिल रहा पानी
रेलवे प्लेटफार्म नंबर दो के पास जीआरपी व आरपीएफ की बैरक है। जिसमें 40 से 45 कर्मचारी निवास करते हैं। बैरक व आसपास बने करीब 10 फैमली आवासों में टंकी से चंद मिनटों के लिए सुबह पानी की आपूर्ति होती है। इसके अलावा अलग से पानी की व्यवस्था के लिए एक ट्यूबवेल भी बना है। जिससे हर समय ताजा पानी कर्मचारियों को मिलता था। इधर करीब ढाई माह से ट्यूबवेल की मोटर खराब है। इससे वहां से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है।
जागरण संवाददाता, बांदा : रेलवे ट्यूबवेल की मोटर करीब ढाई माह से खराब पड़ी है। इससे जीआरपी व आरपीएफ बैरक में पानी की समस्या रहती है। टंकी से की जा रही चंद मिनटों की सप्लाई भी नाकाफी साबित हो रही है। जिम्मेदार विभाग समस्या का निस्तारण करा पा रहा है।
रेलवे प्लेटफार्म नंबर दो के पास जीआरपी व आरपीएफ की बैरक है। जिसमें 40 से 45 कर्मचारी निवास करते हैं। बैरक व आसपास बने करीब 10 फैमली आवासों में टंकी से चंद मिनटों के लिए सुबह पानी की आपूर्ति होती है। इसके अलावा अलग से पानी की व्यवस्था के लिए एक ट्यूबवेल भी बना है। जिससे हर समय ताजा पानी कर्मचारियों को मिलता था। इधर करीब ढाई माह से ट्यूबवेल की मोटर खराब है। इससे वहां से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। जीआरपी व आरपीएफ कर्मियों के शिकायती पत्र देने पर इलेक्ट्रिकल विभाग ने दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में कम पावर की नई मोटर लगवाई थी। जो कि दो दिन में ही फूंक गई। इससे फिर से वहीं पानी की समस्या शुरू हो गई। जीआरपी कर्मी राजीव यादव व राजेंद्र आदि का कहना है कि कई बार लिखित शिकायत करने के बाद भी पानी की व्यवस्था नहीं सुधर रही है।
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- मोटर फूंक जाने के कारण यह समस्या हो गई है। दूसरी मोटर लगवाने का प्रयास किया जा रहा है। समस्या का निस्तारण जल्द होगा।
- संतोष यादव जेई रेलवे इलेक्ट्रिकल विभाग बांदा
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कर्मचारियों की यह है स्थिति :
बैरक के जीआरपी कर्मी - 32
आरपीएफ कर्मी - 10 से 13
बैरक की संख्या - 5
प्रभावित फैमली आवास - करीब 10
टंकी से हो रही सप्लाई - करीब 30 मिनट
ट्यूबवेल मोटर की स्थिति - ढाई माह से खराब