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पानी-किसानी ने रोका पलायन, जखनी का हुआ देश में नाम

जागरण संवाददाता बांदा रचनात्मक कार्यक्रमों से समाज में एकता व भाईचारा का माहौल मजबूत होत

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 06:30 PM (IST)
पानी-किसानी ने रोका पलायन, जखनी का हुआ देश में नाम
पानी-किसानी ने रोका पलायन, जखनी का हुआ देश में नाम

जागरण संवाददाता, बांदा : रचनात्मक कार्यक्रमों से समाज में एकता व भाईचारा का माहौल मजबूत होता है। युवा पीढ़ी को भी सीखने का मौका मिलता है।पानी-किसानी के जरिए यहां के लोगों ने पलायन को रोका और जखनी का पूरे देश में नाम हुआ, यह बहुत बड़ी बात है। यह बात जखनी गांव में आयोजित अमन दंगल मेला का शुभारंभ करते हुए डा. शेखसादी उजजमां ने कही। दंगल में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, आगरा, जालौन, फर्रुखाबाद व कन्नौज के पहलवान जुटे। कुश्ती के दांवपेच देख लोगों ने जमकर तालियां बजा उत्साह बढ़ाया।

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श्री जमां ने कहा कि उमाशंकर पांडेय की देखरेख में यहां के लोगों की मेहनत ने जखनी गांव को देश में पहचान दिलाई है। बिना किसी सरकारी सहायता के हुई इस पहल का कोई सानी नहीं है। वर्तमान समय अखाड़े गुम होते जा रहे हैं। पहले हमारे पुरखे ऐसे आयोजनों को करते थे, जिससे समाज जुड़ता था। लोग एकसाथ बैठ आनंद लेते थे। इतिहासकार शोभाराम कश्यप ने कहा कि जखनी वीरों का गांव है। यहां के पहलवान व तीरंदाज राजा महाराजाओं की फौज में बड़े योद्धाओं के नाम से जाने जाते थे। दंगल व अमन मेला के संस्थापक उमाशंकर पांडे ने कहा है कि संपूर्ण गांव के सहयोग से यह कार्यक्रम सर्वोदय समाज की स्थापना दिवस के रूप में आयोजित किया गया है। दंगल समिति के अध्यक्ष अशोक अवस्थी ने कहा कि हमारा उद्देश्य युवा पीढ़ी को जागरूक करना है। अगले वर्ष के महिला पहलवानों की भी कुश्ती का आयोजन किया जाएगा।

जखनी के काकू पहलवान का कोई नहीं कर सका मुकाबला

दंगल में कई जगहों के पहलवानों ने भाग लिया और कुश्ती लड़ी। जखनी के काकू पहलवान का मुकाबला कोई नहीं कर सका। जखनी के बल्लू राजपूत ने बांदा के विकास पहलवान को चित किया। जबकि बांदा के सिराज पहलवान ने जालौन के घनश्याम को पटखनी दी। भूपेंद्र सिंह काकू पहलवान ने इटावा के जितेंद्र, मुंगूस के सहदेव ने लखनऊ के सत्येंद्र को हराया। विलास ने बनारस के अर्जुन, गोधनी के राजू बाबा ने बांदा के रमेश को चित किया। जबकि फीरोजाबाद के प्रवीण ने मथुरा के हरेंद्र, फैजल रफीक ने कानपुर के नीरज को पटखनी दी। पहलवान सुलखान सिंह, सुग्रीव सिंह राजपूत, रमा वर्मा निर्णायक की भूमिका में रहे। पुराने पहलवानों को सम्मानित किया गया।

यह रहे मौजूद

समिति के महामंत्री मामून रशीद, संरक्षक निर्भय सिंह, प्रबंधक बकरीद पहलवान, सिराज पहलवान, अमिका राजपूत, रफीक पहलवान, दिनेश दीक्षित अमित सेठ भोलू, प्रेम स्वरूप द्विवेदी, मुन्ना वर्मा, चुन्नू सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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