70 मौतों के बाद जागा प्रशासन, मटौंध भेजे गए क्षमता से अधिक गोवंश
कान्हा पशु आश्रय केंद्र में 70 गोवंशों की मौत के बाद जिला प्रशासन आखिर हरकत में आया है। ईओ के केंद्र में क्षमता से अधिक गोवंशों को स्थानांतरित करने संबंधी 19 दिसंबर को भेजे पत्र का प्रशासन ने संज्ञान लिया। गोशाला पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट ने अपनी देखरेख में गोवंशों को ट्रक से कान्हा पशु आश्रय स्थल मटौंध में भेजने की कवायद शुरू की।
संवाद सहयोगी, अतर्रा : नगर पालिका परिषद से संचालित कान्हा पशु आश्रय केंद्र में 120 गोवंशों के रखने की क्षमता है। उसी के अनुरूप दो करोड़ रुपये की लागत से कमरे, चरही, भोजन स्थल का भी निर्माण हुआ है। अधिकारियों ने गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए पांच अगस्त को क्षमता से तीन गुना अधिक यानी चार सैकड़ा से अधिक गोवंश भर दिए थे। साथ ही बीमार व दुर्घटना में घायल बेजुबानों को भी यहीं लाकर रख था। 11 दिसंबर की रात्रि से कड़ाके की ठंड शुरू हुई तो केंद्र में अव्यवस्थाओं की पोल खुलनी शुरू हो गई। 12 दिसंबर से शुरू हुआ गोवंशो की मौतों का सिलसिला तेइसवें दिन भी नहीं थमा। इस दौरान करीब 70 गोवश की मौत हो गई। दैनिक जागरण ने इसे मुद्दा बनाते हुए अपने समाचारीय अभियान में प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिस पर पालिका ने टिनशेड, पन्नी, पंडाल, खाने-पीने की व्यवस्थाओं में सुधार किया। साथ ही क्षमता से अधिक गोवंश होने पर ईओ राम सिंह ने 19 दिसंबर को जिलाधिकारी को पत्र लिखा। गोवंशो की संख्या कम करने की मांग की। डीएम ने आखिर 70 मौतों के इस पर गंभीरता दिखाई। उनके निर्देश पर शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार पहुंचे। उनकी देखरेख में कान्हा पशु आश्रय केंद्र से मटौंध स्थित गोशाला में तीन ट्रकों से कुल 42 गोवंशो को भेज दिया गया। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि यहां से अधिक गोवंशों को मटौंध स्थानांतरित किया जाता रहेगा।
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दो गोवंश और मरे
कान्हा गोशाला में लगातार तेइसवें दिन भी शुक्रवार को भी दो गोवंशों की मौत हो गई। इससे यहां अब मृत बेजुबानों की संख्या 70 हो गई है।