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लाखों खर्च के बाद भी गांव नहीं हो सके साफ

संवाद सहयोगी,बबेरू : एक ओर जहां सरकार स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छ भारत सुंदर भारत निमा

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 10:02 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 10:02 PM (IST)
लाखों खर्च के बाद भी गांव नहीं हो सके साफ
लाखों खर्च के बाद भी गांव नहीं हो सके साफ

संवाद सहयोगी,बबेरू : एक ओर जहां सरकार स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छ भारत सुंदर भारत निर्माण की परिकल्पना कर रही है । वहीं इसके नाम पर सरकार लाखों रुपये प्रति माह पानी की तरह बहा रही हैं । गांवों में गंदगी सिमटने का नाम नही ले रही है। सफाई कर्मचारी घर बैठे वेतन उठा कर मौज कर रहे हैं।

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ब्लाक में 61 ग्राम सभाएं हैं। इनमें राजस्व ग्राम 23 हैं। विभाग ने कुल 82 कर्मचारी लगाए हैं। इन पर सरकार 20 लाख 17 हजार 634 रुपये प्रति माह खर्च कर रही हैं । लेकिन सफाई के नाम पर देखा जाये तो गांवों में जिस तरह से गंदगी का अंबार हैं लगा रहता हैं उससे यह अंदाजा लग रहा है कि अधिकारियों की मिली भगत से सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कर ली जाती है । ग्रामीणों की माने तो सफाई के नाम पर कभी कभार सफाई कर्मचारी तो दिखता है । लेकिन गांव की गलियां और नालियों की सफाई नही होती वह पंचायत भवनों की सफाई करके वापस चले जाते हैं। जनक्रांति संघर्ष समिति के अध्यक्ष राममिलन मौर्य ने अधिकारियों के ऊपर मिली भगत का आरोप लगाते हुए कहा कि सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ पे रोल फार्म में हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए । उधर एडीओ पंचायत सूरजपाल यादव का कहना कि जांच कर कार्यवाही की ।


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