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वाहन से कुचलकर तीन गोवंश मरे, मुकदमा दर्ज

संवाद सहयोगी नरैनी थाना क्षेत्र के ग्राम पनगरा मार्ग में अज्ञात वाहन ने तीन गोवंश को कुचल दिया

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 11:19 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 11:19 PM (IST)
वाहन से कुचलकर तीन गोवंश मरे, मुकदमा दर्ज
वाहन से कुचलकर तीन गोवंश मरे, मुकदमा दर्ज

संवाद सहयोगी नरैनी : थाना क्षेत्र के ग्राम पनगरा मार्ग में अज्ञात वाहन ने तीन गोवंश को कुचल दिया जिनकी मौके पर मौत हो गई। कई घायल भी हो गए। गो सेवा समिति ने कोतवाली नरैनी में अज्ञात वाहन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

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पनगरा बस स्टैंड के पास सड़क पटरी में तमाम अन्ना पशुओं का झुंड बैठा था। नरैनी की तरफ से निकले वाहन ने तीन पशुओं को रौंदते हुए भाग खड़ा हुआ। इस मामले की जानकारी गो सेवा समिति के सदस्यों को हुई। मौके में जाकर कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में मृत पशुओं को दफन करवाने के लिए अपने वाहन से भेज दिया। साथ ही दो घायल पशुओं को पशु चिकित्सा अधिकारी गिरवां की मौजूदगी में इलाज किया। कुछ देर बाद उन दोनों पशुओं की मौत हो गई। तीनों मृत पशुओं का पुलिस की मौजूदगी में पशु चिकित्सक ने पोस्टमार्टम किया। ग्राम प्रधान जगदीश प्रसाद ने जेसीबी से नहर पटरी पर गड्ढा खोदवाकर दफन करवा दिया। कोतवाली निरीक्षक सविता श्रीवास्तव ने बताया कि गो सेवा समिति के संरक्षक विनोद दीक्षित, कैलाश सोनी से प्राप्त तहरीर के आधार पर अज्ञात वाहन के विरुद्ध मामला पंजीकृत किया गया है।

दस दिनों में गोवंश को दिलाएं आश्रय: बारिश के साथ खरीफ फसलों में जान आ गई है। खेत-खलिहानों में छुट्टा विचरण कर रहे गोवंश फसलों को नुकसान पहुंचाने लगे हैं। ऐसे में जिले के सभी बीडीओ व ईओ को निर्देश दिए गए हैं कि खेत खलिहानों में घूम रहे गोवंशों को एक सप्ताह और सड़कों पर विचरण करने वालों को दस दिन में आश्रय स्थल मे संरक्षित करा दिया जाए।

जिले में कुल 231 स्थायी व अस्थायी गोशाला संचालित हैं। पशुपालन विभाग के मुताबिक करीब 40 हजार गोवंश हैं। जिन्हें गोशाला में संरक्षित किया जाता है। बताया जा रहा है कि गर्मी के दिनों में ज्यादातर गोवंश छुट्टा छोड़ दिए जाते हैं। अभी भी बहुत से गोवंश खेत खलिहानों में घूम रहे हैं। इनको आश्रय देने के लिए खंड विकास अधिकारी व अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका को निर्देश दिए गए हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर एसपी सिंह ने जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए पत्र का हवाला देते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग, सड़कों व प्रमुख स्थानों पर विचरण करने वाले गोवंश एक सप्ताह व खेत खलिहानों आदि स्थानो में घूम रहे गोवंश को गोशाला में संरक्षित करने के लिए दस दिन का समय दिया गया है। नगरीय व कस्बा क्षेत्रों में यह कार्य ईओ व ग्रामीण इलाकों के गोवंश को संरक्षित कराने का जिम्मा खंड विकास अधिकारियों को दिया गया है। डीएम ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गोशालाओं मे संरक्षित गोवंश का टीकाकरण, टैगिग कराए व नर गोवंश का बधियाकरण कराया जाए।


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