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सबसे सर्द रही मकर संक्रांति की रात, कांपे हाड़

जागरण संवाददाता बांदा इस साल की सर्दी में मकर संक्रांति की रात सबसे ज्यादा सर्द रही। बर्फील

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 11:16 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 11:53 PM (IST)
सबसे सर्द रही मकर संक्रांति की रात, कांपे हाड़
सबसे सर्द रही मकर संक्रांति की रात, कांपे हाड़

जागरण संवाददाता, बांदा : इस साल की सर्दी में मकर संक्रांति की रात सबसे ज्यादा सर्द रही। बर्फीली हवा से शीत लहर के कारण सर्दी ने हाड़ कंपा दिए। मौसम विभाग के मुताबिक आगे भी तापमान में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।

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यूं तो पहला पखवारा मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच पूरा हुआ, लेकिन मकर संक्रांति के त्योहारी सीजन में सर्द और शीत लहर ने कहर ढाने का काम किया है। दिसंबर से लेकर अब तक मकर संक्रांति की रात सर्वाधिक सर्द रही। सुबह गलन व कोहरे के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. दिनेश साह ने बताया कि सुबह न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो इस मौसम में अब तक सर्वाधिक कम रहा। अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बताया कि वायु की दिशा रात में अधिकांशत: उत्तर एवं उत्तर पश्चिम होने के कारण न्यूनतम तापमान में इतनी गिरावट आयी है। दिन में धूप निकलने व हवा का रुख पूर्व एवं दक्षिण पूर्व होने से अधिकतम तापमान एक दिन पहले की तुलना में दो डिग्री अधिक रहा। उन्होंने बताया कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आगे भी तापमान में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।

किसानों को मौसम विज्ञानी की सलाह

कृषि विश्वविद्यालय के मौसम इकाई के प्रभारी डॉ. साह ने सर्दी के बढ़ते प्रकोप के चलते किसानों को कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसान व आमजन सावधानी से ठंड में बचाव करें। अनावश्यक घर से बाहर न निकले। जरूरी हो तो शरीर को कपड़ों से पूरी तरह ढककर जाएं। खेतों में काम करते समय भी किसान पूरा बचाव करें। मवेशियों को गर्म, सूखे, सुरक्षित स्थान पर रखें।

फसलों में बढ़ा पाला का खतरा

तापमान में आई गिरावट से कई फसलों में पाला लगने का खतरा मंडराने लगा है। विशेषज्ञों ने कहा कि आलू, दलहन, सरसों वर्गीय व सब्जी की फसलों में नमी बनाए रखें। इससे सर्दी के प्रकोप से बचा जा सकता है। आवश्यक होने पर कृषि रसायन का छिड़काव करें। खेत के आसपास शाम के समय धुआं करने से भी फसलों को पाले के प्रकोप से बचा जा सकता है।

शीतलहर के प्रकोप से ठिठुरे लोग

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिले में बीते तीन दिनों से शीतलहर के प्रभाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सर्दी के कहर से लोग ठिठुर उठे। जगह-जगह लोग अलाव तापते नजर आए। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

पिछले तीन दिनों से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर यहां भी देखने को मिल रहा है। सर्दी से कांपते लोग जहां बेहाल दिखे वहीं बाजारों में चहल-पहल भी कम दिखी। तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी मनोज कुमार ने बताया कि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी की वजह से शीतलहर चल रही है। सर्दी का कहर इस सप्ताह तक रहेगा।

मऊ प्रतिनिधि के अनुसार सर्दी के वजह से लोग घरों में दुबके नजर आए। लोग बहुत आवश्यक कार्यों के लिए ही बाहर निकले। कस्बा में दुकानों पर भी पहले जैसी चहल-पहल नदारद दिखी। राजापुर प्रतिनिधि ने बताया कि सर्दी से लोग बाहर निकलने से बच रहे हैं। शुक्रवार को हर दिन की तरह यमुना में स्नान करने वाले लोगों की संख्या बहुत सीमित रही।


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