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बजट में अटकी शहर में रिंग रोड़ की मंशा

जागरण संवाददाता बांदा शहर को रिगरोड से जोड़ने की मंशा पर बजट ने पानी फेर दिया है

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 04:47 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 04:47 PM (IST)
बजट में अटकी शहर में रिंग रोड़ की मंशा
बजट में अटकी शहर में रिंग रोड़ की मंशा

जागरण संवाददाता, बांदा : शहर को रिगरोड से जोड़ने की मंशा पर बजट ने पानी फेर दिया है। केन नदी व रेलवे लाइन में तीन पुल निर्माणाधीन हैं। इन पुलों को पूरा कराने के लिए करीब 44 करोड़ रुपये की दरकार है। बिना बजट करीब डेढ़ दशक से यह बाइपास रोड अधर में अटका है। सेतु निगम ने कई बार धनराशि मांग के पत्र भेजा, पर शासन स्तर पर धनराशि जारी नहीं हो रही है।

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बसपा शासन काल में वर्ष 2011 में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने शहर को ट्रैफिक अव्यवस्था से मुक्त कराने के लिए बाइपास के लिए करीब 46 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी थी। समय से साथ लागत भी बढ़ती गई। उस समय बाइपास रोड का निर्माण पीडब्ल्यूडी ने आधा-अधूरा कराया था। इसके बाद सत्ता बदलती रही और यह रिग रोड उपेक्षा का शिकार होता रहा। भाजपा शासन काल में सरकार ने कुछ तेजी दिखाई। रिग रोड के लिए करीब 64 करोड़ रुपये जारी किए। लेकिन यह अभी पर्याप्त नहीं है। रिग रोड में केन नदी पर भूरागढ़ में फोरलेन एक पुल का निर्माण पूरा हो चुका है। दूसरा पुल दुरेड़ी व मेडिकल कालेज के बीच केन नदी में बन रहा है। इसके अलावा रेल लाइन में दो पुलों का कार्य कराया जा रहा है। लेकिन इस समय बिना बजट कार्य सुस्त हैं। झांसी-मानिकपुर रेल खंड में बाइपास मार्ग के लिए उपरिगामी सेतु मेडिकल कालेज के पास 53.88 करोड़ की लागत से 2016 में स्वीकृत हुआ था। इसमें अभी 2.83 करोड़ रुपये शासन स्तर से नहीं मिले। साथ ही आरआई वाल का कार्य जमीन न मिलने से बाधित है। केन नदी में 39.56 करोड़ की लागत से बाईपास पुल बन रहा है। इसमें 2.8 करोड़ की दरकार है। इसके अलावा झांसी-मानिकपुर सेक्शन में ही निर्माणाधीन दूसरे पुल का कार्य 48.44 लाख की लागत से हो रहा है। इसमें भी 8.17 करोड़ की दरकार है। इन पुलों में करीब 55 से 95 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण हो चुका है। सरकार बजट जारी करे तो काम में फिर तेजी आए।

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निर्माण में भ्रष्टाचार, जांच के आदेश

बांदा : बाइपास निर्माण के लिए शासन ने 122 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। बबेरू तहसील के ग्राम भदेहदू निवासी पीसी पटेल ने मंडलायुक्त से मामले की शिकायत थी कि बांदा बाईपास में 19.400 किलोमीटर में 122 करोड़ की लागत से चौड़ीकरण व सु²ढ़ीकरण स्वीकृत हुआ है। कार्यदायी संस्था प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग अनुबंध के विपरीत गुणवत्ता विहीन कार्य करा रहा है। किलोमीटर 9 से 15 में ईटीए व डीवीएम स्तर तक बिना कार्य कराए 25 लाख रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि मार्ग में अभी जीएसबी स्तर पर कार्य चल रहा है। कमिश्नर ने जिलाधिकारी व अपर निदेशक कोषागार चित्रकूटधाम मंडल को संयुक्त रूप से जांच करने के आदेश दिए हैं।

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-बाइपास में उपरिगामी और केन नदी में पुल का कार्य चल रहा है। बजट के लिए शासन से डिमांड की गई है। धनराशि आते ही कार्य में प्रगति बढ़ा दी जाएगी।

-एसके निरंजन, उप परियोजना प्रबंधक, उ.प्र.सेतु निगम


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