कृषि नीति के लिए कसौटी है बुंदेलखंड : योगेंद्र यादव
जागरण संवाददाता, बांदा : पिछले एक साल से पूरे देश में किसानों के आंदोलन शुरू हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, बांदा : पिछले एक साल से पूरे देश में किसानों के आंदोलन शुरू हो गए हैं। कुछ सुर्खियां बनते हैं तो कुछ धरातल पर ही चल रहे हैं। बुंदेलखंड का किसान भी अब आंदोलन की राह पर चल निकला है। यहां के हालात देश की कृषि नीति के लिए कसौटी है, यहां खुशहाली लाने वाली नीति ही ठीक हो सकती है। ये बातें स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने मंगलवार को बड़ोखर खुर्द में पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में बदहाली और पलायन की समस्या है। इसे पैकेज से नहीं खत्म कर सकते हैं। अंतिम किसान तक कुछ नहीं पहुंचा है। इसके लिए नई पहल ही समाधान हो सकती है। किसानों के लिए पूरी कर्जमुक्ति व फसल का लागत से डेढ़ गुना देने की मांगें रखी गई हैं। इसकी बुधवार को दिल्ली में सभी राजनीतिक दलों के बीच मांग की जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के माफी मांगने पर कहा कि ये बड़े दिल का काम है। राजनीतिक गलती पर सच्चे एहसास के साथ माफी मांगी जाए। सपा-बसपा गठबंधन की बात पर बोले कि बीजेपी जितनी तिकड़म करती है उतना कोई नहीं। इसलिए तिकड़म का मुकाबला तिकड़म से ही किया जा सकता है। हालांकि इसके पीछे देश के लिए कोई बड़ा सपना नहीं है। पहले भी दोनों दल साबित कर चुके हैं कि उनका सीमित खेल है। नरेंद्र मोदी ने झूठा ही सही लेकिन बड़ा सपना तो देशवासियों के सामने रखा था पर विपक्ष के गठबंधन में वह सपना न होकर केवल जोड़तोड़ ही है। ये वार्ता प्रगतिशील किसान प्रेम¨सह के आवास पर करने के बाद वह 20 दिनों से लघु और सीमांत का दायरा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर शहर में चल रहे धरने में शामिल होने पहुंचे। जहां पर किसानों की मांग को जायज बताते हुए समर्थन का एलान किया। उनके साथ मप्र के पूर्व विधायक व किसान संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ. सुनीलम मौजूद रहे।