बदहाली का शिकार हो गया शहर का इकलौता पार्क
जागरण संवाददाता, बांदा : अवस्थी पार्क। कहने को शहर का इकलौता पार्क है। पालिका ने पार्क
जागरण संवाददाता, बांदा : अवस्थी पार्क। कहने को शहर का इकलौता पार्क है। पालिका ने पार्क के विकास पर धन भी खर्च किया। जिसमें करीब 15 लाख रुपये से सिर्फ फैव्वारे ही लगाए गए। लेकिन ये फैव्वारे कब चले इसे आज तक किसी ने नहीं देखा। पार्क में पोल तो लगे हैं मगर झूले गायब है। पानी की टंकी भी जर्जर अवस्था को पहुंच चुकी है। हालाकि जिम्मेदारों को दावा है कि सौंदर्यीकरण का 75 फीसद काम पूरा हो चुका है।
शहर के नगर पालिका के सामने स्थित अवस्थी पार्क एक मात्र ऐसा पार्क है। जिस पर लोग हरे-भरे माहौल में कुछ देर अपना समय बिता सकते हैं। इस पार्क को और बेहतर बनाने के लिए अमृत योजना के तहत नगर पालिका की ओर से सुंदरीकरण के लिए चयनित किया गया था। वित्तीय वर्ष 2015-16 में इस पार्क के सुंदरीकरण के लिए 55.14 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया। जिसमें 19.85 लाख रुपये आवंटित भी कर दिया गया था। इस धन से पार्क में बाउंड्री वाल की उंचाई बढ़ाई गई, क्लाक टावर की मरम्मत, एलईडी लाइटें बच्चों के लिए झूले भी लगवाए गए हैं। सबसे अधिक 15 लाख की धनराशि पार्क में फव्वारे लगवाने में व्यय की गयी है। लेकिन पार्क में हर जगह अव्यवस्थाएं ही नजर आती हैं। सोलर लाइट के पोल से बैटरी और बल्ब दोनों गायब हैं। पार्क में वर्षों पुरानी खड़ी जीर्ण-शीर्ण टंकी किसी बड़े हादसे को दावत दे रही है। जेई राकेश विश्वकर्मा का कहना है कि काम का भुगतान नहीं हो रहा। जिससे काम पूरा नहीं हो पा रहा है।
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- उपयोगिता प्रमाण पत्र निदेशालय को भेज दिया गया है। अगली किश्त आते ही काम पूरा कराया जाएगा। नगर नियोजक अमृत योजना - अंबर आंनद