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आंख में बांध रखी थी पट्टी, खाने को देते थे सूखी रोटी

जागरण संवाददाता बांदा कमासिन क्षेत्र से अपह्रत किशोर राघवेंद्र ने बदमाशों के चंगुल से छूटने क

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 07:19 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 07:19 PM (IST)
आंख में बांध रखी थी पट्टी, खाने को देते थे सूखी रोटी
आंख में बांध रखी थी पट्टी, खाने को देते थे सूखी रोटी

जागरण संवाददाता बांदा : कमासिन क्षेत्र से अपह्रत किशोर राघवेंद्र ने बदमाशों के चंगुल से छूटने के बाद अपनी व्यथा बताई। किशोर ने बताया कि घर से जबरन ले जाने के बाद बदमाशों ने आंख में पट्टी बांध दी थी। ताकि कहां ले जा रहे हैं इसका पता न लगाया जा सके।

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राघवेंद्र ने बताया कि बदमाश घर से ले जाने के बाद आंख में पट्टी बांधकर काफी देर तक पैदल चलाते रहे। इसके बाद मोटर साइकिल से आगे का सफर किया। वह कहां जा रहा था उसके खुद पता नहीं चल रहा था। तमंचे के फायर के बाद उन्होंने जान से मारने की धमकी दी थी इसलिए वह शोर नहीं मचा सका। जब उसके आंख की पट्टी खुली तो उसने अपने आप को एक जंगल में पाया। जहां चारो ओर केवल पेड़ ही दिखाई दे रहे थे। यातनाओं पर बताया कि उसे खाने के लिए सूखी रोटी व सब्जी दी जाती थी। कुछ कहने पर बदमाश मारपीट भी करते थे।

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चेहरे पर साफ दिख रही थी दहशत

कमासिन थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव निवासी राजकुमार कुशवाहा के पुत्र 15 वर्षीय राघवेंद्र का रविवार रात गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह ने अपने साथी संतू नाई उर्फ सत्यकिशोर के साथ उस समय अगवा कर लिया था, बुधवार को पुलिस ने राघवेंद्र को पत्रकारों के सामने पेश किया तो उसके चेहरे पर दहशत साफ दिखाई दे रही थी। माथे का पसीना बता रहा था कि वह अभी भी दहशत से उबरा नहीं है।

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एएसपी ने बताया पुलिस पर किए चार फायर, जवाबी कार्रवाई के बची टीम

जागरण संवाददाता, बांदा : एएसपी ने बताया कि सही जानकारी होने पर टीम ने बंथरी के एक बगीचे की घेराबंदी की तो बदमाशों ने फायर कर दिया। इससे पहले पुलिस कोई कार्रवाई करती बदमाशों ने तीन और फायर किए। किशोर की जान को कोई खतरा न हो इसे देखते हुए पुलिस ने फायरिंग से परहेज किया।

एएसपी महेंद्र प्रताप चौहान ने बताया कि अगवा 15 वर्षीय राघवेंद्र की तलाश में लगाई टीमों से एसपी अभिनंदन पल-पल की रिपोर्ट ले रहे थे। हर हाल में किशोर को सुरक्षित बरामद करने के आदेश दिए गए थे। सीओ बबेरू सियाराम की अगुवाई में टीम को लगाया गया था। एसओजी की टीम भी साथ में लगी थी। इसी बीच सटीक सूचना मिली कि बंथरी गांव के उग्रसेन त्रिपाठी के बगीचे में अगवा बच्चे को लेकर नामजद आरोपित छिपे हुए हैं। जिसके बाद टीम ने चारों तरफ से घेराबंदी की। बचकर भागने के लिए अपराधियों ने फायरिग शुरू कर दी। किशोर की जान पर खतरा देख पुलिस टीम ने जवाब फायरिग से बचते हुए एकाएक धावा बोल दिया और दोनों आरोपितों को दबोच लिया। दोनों के पास एक-एक तमंचा, दो-दो जिदा कारतूस और दो-दो खोखा बरामद किए गए। बच्चे को हाथ बांधकर रखा गया था, जिसे सुरक्षित कब्जे में ले लिया गया।

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यह थी घटना को अंजाम देने की वजह

सीओ बबेरू सियाराम ने बताया कि तीन बीघा जमीन गांव के सुघर सिंह की थी, जिसे वीरेंद्र ने अदला-बदली की थी। बाद में इसी जमीन का राजकुमार ने बैनामा कराया था। वीरेंद्र जमीन से अपना कब्जा नहीं छोड़ना चाहता था। उसने इसके एवज में सात हजार रुपये भी वसूल लिए थे। बाद में और रकम चाह रहा था। दबाव बनाने के लिए उसने घटना को अंजाम दिया।

टीम में यह रहे शामिल

एसएचओ कमासिन रामाश्रय सिंह, मर्का रामआसरे सरोज, बिसंडा नरेंद्र प्रताप सिंह, एसओजी प्रभारी मयंक कुमार, दारोगा कृष्णदेव त्रिपाठी, राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी व सर्फुद्दीन खान।


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