किशोरी से दुष्कर्म के दो दोषियों को दस-दस वर्ष कठोर कारावास की सजा
जुर्माना की आधी धनराशि नियमानुसार पीड़िता को दी जाएगी।
किशोरी से दुष्कर्म के दो दोषियों को दस-दस वर्ष कठोर कारावास की सजा
जागरण संवाददाता, बांदा : अनुसूचित जाति की किशोरी से दुष्कर्म के दो दोषियों को विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कमरुज्जमा खान की अदालत में गुरुवार को दस-दस वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। दोनों पर 15-15 हजार जुर्माना लगाया गया, जुर्माना अदा न करने पर छह-छह माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी। एक घटना के समय से ही जेल में है, दूसरा जमानत पर था। दोनों का सजायावी वारंट बनाकर जेल भेज दिया गया।
विशेष लोक अभियोजक विमल सिंह, महेंद्र द्विवेदी व सहायक शासकीय अधिवक्ता जावत्री विश्वकर्मा ने बताया कि बिसंडा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक ने 30 मई 2012 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बताया था कि वह मजदूरी करने पंजाब गया था। गांव में उसके मां-पिता व दो बहनें रहती हैं। माता-पिता भी मजदूरी करने चले गए थे। घर पर नाबालिग बहन थी। तभी अजीतपारा निवासी धांधू सिंह, बउवा उर्फ अमित ने नाबालिग बहन झांसा दे दिया और 28 मई 2012 की रात नौ बजे लालच देकर तालाब के किनारे ले गया, जहां बउवा उर्फ अमित पहले से मौजूद था। दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में उसे चित्रकूट ले गए। अगले दिन चित्रकूट से लाकर गांव में छोड़ दिया। प्राथमिकी के बाद पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया। अमित की जमानत हो गई थी, जबकि धांधू सिंह जेल में बंद था। सुनवाई के दौरान अभियोजक की ओर से पांच गवाह पेश किए गए। साक्ष्यों व दलीलों के बाद न्यायाधीश ने दोनों को एससी-एसटी एक्ट में दोषमुक्त कर दिया। दुष्कर्म में दोनों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। जुर्माना की आधी धनराशि नियमानुसार पीड़िता को दी जाएगी।