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जाम में फसी मुख्यालय की रफ्तार

बालू भरे ट्रकों की वजह से मंडल मुख्यालय में जाम के झाम में सैकड़ों वाहन फंस गए। इसमें एडीएम और सीओ की भी गाड़ियां आगे निकलने की जद्दोजहद करती रहीं। पुलिस अधिकारियों की मेहनत के बाद करीब पांच घंटे में जाम से निजात मिली। जाम में फंसे दूर-दराज के यात्री व्यवस्था को कोसते रहे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:31 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:02 AM (IST)
जाम में फसी मुख्यालय की रफ्तार
जाम में फसी मुख्यालय की रफ्तार

जागरण संवाददाता, बांदा : बालू भरे ट्रकों की वजह से मंडल मुख्यालय में जाम के झाम में सैकड़ों वाहन फंस गए। इसमें एडीएम और सीओ की भी गाड़ियां आगे निकलने की जद्दोजहद करती रहीं। पुलिस अधिकारियों की मेहनत के बाद करीब पांच घंटे में जाम से निजात मिली। जाम में फंसे दूर-दराज के यात्री व्यवस्था को कोसते रहे।

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अतर्रा चुंगी में रात नौ बजे जैसे ही नोइंट्री खुली पहले से कतार में खड़े बालू से ओवरलोड ट्रकों में आगे निकलने की होड़ लग गई। इसी बीच आगे-पीछे व आड़े तिरछे कई ट्रक खड़े हो गए। करीब साढ़े नौ बजे से जाम लगना शुरू हो गया। इस बीच मौके पर एक-दो होमगार्ड व पीआरडी के जवान ट्रकों को लाइन में लाने की जद्दोहज करते रहे। जब करीब 11 बज गए और जाम बेकाबू हो गया तो पुलिस अधिकारियों को सूचना दी गई। जब तक सीओ व यातायात निरीक्षक मौके पर पहुंचे तक तक रात के 12 बज चुके थे। जाम की कतारें नरैनी रोड में तिदवारा तक और इधर इलाहाबाद-बांदा नेशनल हाईवे पर करीब 12 किलोमीटर तक वाहन फंस गए। यातायात निरीक्षक कविता और सीओ सिटी ने भारी पुलिस फोर्स के साथ आड़े तिरछे खड़े वाहनों को हटवाया। तब कहीं जाकर रात तीन बजे जाम से कुछ राहत मिली।

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दस दिन से लग रहा जाम

करीब दस दिन से जिले में लोगों को जाम में पिसना पड़ रहा है। गिरवां के स्योढ़ा पुल से नरैनी रोड में बड़ोखर बुजुर्ग तक जाम लग रहा है। इस जाम में खत्री पहाड़ देवी दर्शन को गए कई श्रद्धालु हादसे का भी शिकार हो चुके हैं। दबाव बढ़ने पर प्रशासन ने दो दिन पहले बड़ी कार्रवाई की। 160 ट्रकों को सीज कर थानें में खड़ा कर दिया। इससे बालू कारोबारी व ट्रक मालिकों ने डीएम आवास को घेरा। कुछ ट्रकों को ऐसे ही छोड़ दिया गया। दो दिन तो कुछ राहत रही। लेकिन तीसरे दिन रविवार को फिर जाम का झाम मंडल मुख्यालय पहुंच गया।

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अवैध बालू खनन बन रहा वजह

मध्य प्रदेश के रास्ते सैकड़ों ट्रक बालू के ओवरलोड निकाले जा रहे हैं। खनन का कार्य अमूमन पहली अक्टूबर से शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार अक्टूबर तक बारिश हुई। ऐसे में अभी घाटों में पानी भरा होने से यहां खनन कार्य नहीं शुरू हो सका। लेकिन गिरवां के नजदीक लगी एमपी सीमा में डंप की आड़ में अवैध खनन चल रहा है। एक विधायक की शह पर गिरवां थाने से सैकड़ों ओवरलोड ट्रक रात में निकाले जा रहे हैं। इसमें पुलिस प्रशासन व खनिज विभाग की मूकदर्शक बना हुआ है।

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अफसर भी जाम में फंसे :

चेकिग कर लौट रहे एडीएम संतोष बहादुर सिंह व सीओ सिटी भी जाम में फंस रहे। रोडवेज बसें, छोटे वाहन भी जाम से निकलने की जद्दोजहद करते नजर आए। बाइकों को किसी तरह रात के अंधेरे में खेतों से उतार कर कुछ लोगों ने निकाला तो कुछ जाम खुलने का इंतजार करते रहे। उधर, जिला खनिज अधिकारी राजेश कुमार सिंह व एडीएम संतोष बहादुर सिंह से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने इस संबंध में गोलमोल जवाब देकर फोन काट दिया।


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