बांदा में जानलेवा हमले के दोषी को सात साल की कैद, 30 हजार रुपये जुर्माना भी लगा
जागरण संवाददाता बांदा छह वर्ष पूर्व घर में घुसकर जानलेवा हमले के मामले में दोषी पाए जाने
जागरण संवाददाता, बांदा : छह वर्ष पूर्व घर में घुसकर जानलेवा हमले के मामले में दोषी पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने गुरुवार को सात वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही तीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया, अदा न करने पर तीन माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
सहायक शासकीय अधिवक्ता देवदत्त मिश्रा ने बताया कि शहर कोतवाली क्षेत्र के खुटला मोहल्ला निवासी संतोष ने 9 अक्टूबर 2014 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि आठ नवंबर की रात अपने घर पर भाई इंद्रपाल सोनी के साथ थी। तभी मोहल्ले के तीन भाई उमाकांत, रमाकांत व लक्ष्मन और दो अज्ञात असलहे व कुल्हाड़ी लेकर घुस आए। उमाकांत ने उसके भाई पर असलहा लगा दिया और गाली-गलौज की। धमकी देते हुए सोने चांदी का सामान मांगने लगे। जिसका विरोध करने पर रमाकांत ने कुल्हाड़ी से वार कर जख्मी कर दिया। लक्ष्मन ने डंडे से वार किया। बचाने आई पत्नी गीता, बेटी नेहा को लहूलुहान कर दिया। इस मामले में पुलिस ने उमाकांत व लक्ष्मन को क्लीन चिट दे दी। रमाकांत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। सात गवाह पेश दिए गए। दलीलों व साक्ष्यों के आधार पर रमाकांत को सजा सुनाई गई। जिसे जेल भेज दिया गया।
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शातिर की जमानत अर्जी खारिज
जागरण संवाददाता, बांदा : अभियोजन की ओर से एपीओ ब्रह्मामूर्ति यादव ने बताया कि बिसंडा थाना के बिलगांव निवासी धानू सिंह को दस दिसंबर 2020 को असलहा व कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसके अधिवक्ता की ओर से जमानत अर्जी डाली गई थी, जिसको सीजेएम संजय कुमार षष्टम ने गुरुवार को सुनवाई के बाद आपराधिक इतिहास देखते हुए खारिज कर दिया।