फीरोजाबाद में मुक्त कराए गए सात बाल बंधुआ मजदूर
जागरण संवाददाता बांदा बेरोजगारी दूर करने के लिए पलायन को मजबूर अनुसूचित जाति वर्ग के 25
जागरण संवाददाता, बांदा : बेरोजगारी दूर करने के लिए पलायन को मजबूर अनुसूचित जाति वर्ग के 25 लोगों को फीरोजाबाद के शिकोहाबाद में बंधक बनाकर ईंट पथाई का काम लिया जा रहा था। अतर्रा निवासी परिवार के साथ दिए गए एडवांस की मांगकर मारपीट की जाती थी। भोजन-खुराकी भी नहीं दिया जाता था। छोटे-छोटे बच्चों के साथ बंधक बने परिवार ने किसी तरह अपनी बेबसी बंधुआ मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दलसिगार तक पहुंचाई। जिसके बाद अतर्रा के सात बाल बंधुआ मजदूर मुक्त कराए गए। जबकि एडवांस देकर यहां से ले जाने वाला कल्लू ठेकेदार नौ परिवारों को लेकर एक दिन पहले ही कहीं निकल गया, जिनका पता नहीं चला है।
असंगठित मजदूर मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दलसिगार द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि फीरोजाबाद की तहसील शिकोहाबाद के खैरगढ़ थाना क्षेत्र के ककरारा स्थित एमबी भट्ठा में अनुसूचित जाति वर्ग के 25 बाल एवं बंधुआ मजदूरों की जानकारी मिली थी। सभी से महीनों से काम कराया जा रहा था। इसमें अतर्रा तहसील के बिसंडा के सात, झांसी के 18 बाल बंधुआ मजदूर थे। सभी को ईंट पथाई के लिए कल्लू ठेकेदार एडवांस देकर लाया था और भट्ठा संचालक के हवाले कर भाग निकला। इसके बाद इन लोगों पर भट्ठा मालिक का कहर टूटा। रात में मारपीट की जाती और एडवांस मांगने के साथ जबरिया काम लिया जाता था। बांदा के बिसंडा निवासी द्वारिका के पुत्र शिवमंगल ने 16 जनवरी को किसी तरह उन तक सूचना पहुंचाई। बताया कि कल्लू मालिक के साथ मिलकर नौ परिवारों को कहीं लेकर निकल गया है। जिसके बाद से वह लोग डरे हुए हैं।
बंधुआ मजदूरों के बारे में 18 जनवरी को शिकोहाबाद एसडीएम, बांदा व झांसी डीएम के अलावा फीरोजाबाद के एसपी व अन्य अधिकारियों को सूचना दी गई। उनका आरोप है कि शिकोहाबाद प्रशासन ने आनन फानन 21 जनवरी को शिवमंगल के परिवार को ईंट भट्ठा से निकालकर जबरिया बस में बैठा दिया और घर भेज दिया। यह परिवार शुक्रवार को बांदा पहुंचा। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रशासन रोजगार के अवसर पैदा करे, तभी पलायन रोका जा सकता है।