ताक पर नियम, पोकलैंड मशीनों से हो रहा खनन
संवाद सहयोगी, अतर्रा : खनन माफिया पोकलैंड मशीनों से दिन रात नदी का सीना चीर रहे हैं। जबकि
संवाद सहयोगी, अतर्रा : खनन माफिया पोकलैंड मशीनों से दिन रात नदी का सीना चीर रहे हैं। जबकि शासन व एनजीटी के निर्देशों के अनुसार नदी के भीतर से बालू का खनन मना है। जानकारों की माने तो इसमें स्थानीय प्रशासन की भी मिली भगत है यही कारण है कि इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। जबकि कुछ दिनों पूर्व खनिज निदेशक की जांच में बड़ी संख्या में ओवरलोडेड ट्रकों पर कार्रवाई हुई थी। इसको लेकर स्थानीय प्रशासन के साथ ही भाकियू ने भी पोकलैंड मशीन से खनन पर रोक लगाए जाने की मांग की थी। इसको लेकर धरना भी दिया गया और आश्वासन भी मिला मगर हालात जस के तस है।
तहसील क्षेत्र के ग्राम तेरा बागै नदी में चल रही बालू खदान में मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए ठेकेदार द्वारा दिन का उजाला हो या रात का अंधेरा हो,वह लगातार पोकलैंड मशीनों से नदी की जलधारा के बीचोबीच से मशीनों द्वारा बालू निकाल ओवरलोड ट्रक/ट्रैक्टरों से बाहर भेजी जा रही है। ग्रामीण मनीष तिवारी,विष्णु आदि ने बताया कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से एक रायल्टी से दिनभर ट्रैक्टरों द्वारा बालू नजदीक के कस्बे अतर्रा,बदौसा सहित ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे सरकारी व घरेलू कार्यो में बेच रहे है।जहां एक ओर नदी की जलधारा से मशीनों द्वारा खनन होने के कारण गर्मियों में जलसंकट उत्पन्न होने का खतरा मंडरा रहा है।वही दूसरी ओर ओवरलोड वाहनों के कारण सड़के क्षतिग्रस्त हो रही है।सरकार एक ओर जलसंकट दूर करने के लिए नए नए दिशा निर्देश जारी कर रहा है।वही स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण विकट जलसंकट उत्पन्न होता दिख रहा है।
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मशीनों से खनन की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है तो वह नियम विरूद्ध है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- सौरभ शुक्ला, अतर्रा, उपजिलाधिकारी