समीक्षा में सड़कों के आंकड़े मिले गलत, सुधार के निर्देश
जिला अस्पताल का किया निरीक्षण बांदा आयुक्त गौरव दयाल ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। कोविड-19 हेल्पडेस्क की जानकारी अधीक्षक जिला चिकित्सालय से प्राप्त की। जिसमें बताया गया कि कल 35 लोग आए थे। उन्हें आवश्यक जानकारी दी गयी। आयुक्त ने अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि रेगुलर सैंपलिग की व्यवस्था होनी चाहिए। मरीजों को बाहर की दवा न लिखी जाए।
जागरण संवाददाता, बांदा : मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से आयुक्त ने विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। मयूर भवन सभागार में आयुक्त के साथ अन्य जिलों के अधिकारी मौजूद रहे। आयुक्त चित्रकूटधाम मंडल गौरव दयाल ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा करते हुए अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया कि वर्षा के कारण जिन सड़कों में गड्ढे हो गये हैं, जल का भराव है, उनको शीघ्र गड्ढा मुक्त किया जाए। अनावश्यक स्पीड ब्रेकर न बनवाया जाए। सड़कों के निर्माण संबंधी प्रस्तुत रिपोर्ट जिसमें ऑकड़े वास्तविक रूप से गलत मिले हैं। उन्हें ठीक कराया जाए। कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के जिला अस्पताल में 200 बेडों के निर्माणाधीन भवन कार्य की समीक्षा के दौरान कहा कि फिनसिग का कार्य मानक एवं गुणवत्ता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि चारों जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी अपने-अपने जनपदों में हो रहे निर्माणाधीन कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण करें। जो कार्य पूर्ण होने के बाद हैंडओवर नही करेंगे । उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। जल निगम एवं जल संस्थान के अधिशासी अभियंताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि जो कार्य अधूरे हैं उन्हें प्राथमिकता के साथ शीघ्र पूर्ण कराया जाए। आरएम रोडवेज को निर्देशित किया कि बस स्टैंड हैंडओवर के किये जाने प्रक्रिया प्रारंभ करायी जाए। मीटिग का संचालन संयुक्त विकास आयुक्त रमेशचंद्र पांडेय ने किया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी चित्रकूट डॉ. महेंद्र कुमार, हमीरपुर कमलेश कुमार वैश्य, अपर जिलाधिकारी संतोष बहादुर सिंह, परियोजना निदेशक आरपी मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
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जिला अस्पताल का किया निरीक्षणबांदा : आयुक्त गौरव दयाल ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। कोविड-19 हेल्पडेस्क की जानकारी अधीक्षक जिला चिकित्सालय से प्राप्त की। जिसमें बताया गया कि कल 35 लोग आए थे। उन्हें आवश्यक जानकारी दी गयी। आयुक्त ने अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि रेगुलर सैंपलिग की व्यवस्था होनी चाहिए। मरीजों को बाहर की दवा न लिखी जाए।