कोविड प्रभावित बच्चों की देखभाल व सुरक्षा को आगे आए धर्मगुरु
शहर के श्रीसंकट मोचन मंदिर के महंत उमाशंकरदास ने कहा कि महामारी के कारण लोगों में डर का माहौल है। बच्चों के साथ ही बड़े भी अपनों को खोने के बाद मानसिक रूप से परेशान हैं। ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम मिल कर ऐसे लोगों की सहायता के लिए सामने आएं। खुटला मोहल्ले के मौलाना हाफिज यासिर ने कहा कि मजहब हमें जरूरतमंदों की मदद करने की सीख देता है। आज जब तमाम मासूम बच्चे अपने माता-पिता को खोने के बाद अकेले हो गए हैं तो हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इस समय ऐसे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाना ही असली इबादत है। उन्होंने बालश्रम निवारण के लिए भी कदम उठाने पर जोर दिया। वेबिनार में यूनिसेफ जिला समन्वयक फुजैल सिद्दीकी पंचवटी मंदिर के पुजारी शिवअवतार उपाध्याय सहित अन्य धर्म गुरु शामिल रहे।
जागरण संवाददाता बांदा : कोरोना प्रभावित बच्चों की सुरक्षा एवं देखभाल के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए अब धर्म गुरु आगे आए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तर प्रदेश एवं यूनिसेफ के तत्वावधान में आयोजित धर्म गुरु सम्मेलन में धर्मगुरुओं ने कहा कि कोविड प्रभावित बच्चों के बचपन को बचाने के लिए हर व्यक्ति को अपना कर्तव्य निभाना होगा। धर्मगुरुओं ने बच्चों को बाल श्रम से बचाने पर भी जोर दिया।
वेबिनार में यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की चीफ आफ फील्ड ऑफिस रूथ लीयनो ने कहा कि कोविड ने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आदि सब कुछ प्रभावित किया है। जिन बच्चों ने महामारी के कारण अपने माता-पिता दोनों अथवा किसी एक को खोया है, उनके लिए यह समय और भी चुनौतीपूर्ण है। ऐसे बच्चों को विशेष देखभाल एवं स्नेह की आवश्यकता है। महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय ने कहा कि कोविड प्रभावित बच्चों के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरु की गई है। ऐसे किसी भी बच्चे की जानकारी 1098 अथवा 181 पर साझा करें। बच्चों को गलत हाथों में पड़ने से रोकने में अपना सहयोग करें। शहर के श्रीसंकट मोचन मंदिर के महंत उमाशंकरदास ने कहा कि महामारी के कारण लोगों में डर का माहौल है। बच्चों के साथ ही बड़े भी अपनों को खोने के बाद मानसिक रूप से परेशान हैं। ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम मिल कर ऐसे लोगों की सहायता के लिए सामने आएं। खुटला मोहल्ले के मौलाना हाफिज यासिर ने कहा कि मजहब हमें जरूरतमंदों की मदद करने की सीख देता है। आज जब तमाम मासूम बच्चे अपने माता-पिता को खोने के बाद अकेले हो गए हैं तो हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इस समय ऐसे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाना ही असली इबादत है। उन्होंने बालश्रम निवारण के लिए भी कदम उठाने पर जोर दिया। वेबिनार में यूनिसेफ जिला समन्वयक फुजैल सिद्दीकी, पंचवटी मंदिर के पुजारी शिवअवतार उपाध्याय सहित अन्य धर्म गुरु शामिल रहे।