लिफाफे में आई राखियों से जेल में मना रक्षाबंधन
- 30 बंदियों ने बंधा रक्षासूत्र दिया गया स्पेशल भोजन - मुलाकात में रोक होने से महिलाओं को बैरंग लौटाया
जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना संक्रमण को लेकर इस बार जेल के अंदर लिफाफे में आई राखियों से रक्षाबंधन मनाया गया। 30 बंदियों ने बहनों की भेजी राखियों को कलाइयों में बांधकर खुशी जाहिर की। जबकि मुलाकात को घरों से आईं महिलाओं को बैरंग लौटाया गया है।
शासन के निर्देश पर इस बार जेलों में महिलाओं की बंदियों से मुलाकात में रोक लगाई गई थी। इसके लिए जेल प्रशासन की ओर से बाहर दीवार में कई दिनों पहले नोटिस चस्पा की गई थी। एक अलग काउंटर भी राखी भेजने के लिए खोला गया था। जिसमें बंदियों का लिफाफे में नाम व पता नोट कर राखियां एकत्र की गई थीं। रक्षा बंधन के एक दिन पहले तक कुल 30 लिफाफे काउंटर में जमा हुए थे। इसमें तीन महिला बंदियों ने अपनी बैरकों से पुरुष जेल में निरुद्ध अपने भाइयों को भेजा था। बहनों की भेजी गई राखियों से जेल में निरुद्ध बंदियों ने रक्षाबंधन की खुशी मनाई। जेल प्रशासन की ओर से बंदियों के लिए पर्व में विशेष रूप से पूड़ी सब्जी व हलुवा खाने में को दिया गया। उधर जिन महिलाओं को रक्षा बंधन में रोक की जानकारी नहीं मिल पाई।वह सोमवार को अपने घरों से जेल के बाहर पहुंच गईं। अछरौड़ गांव से आई विद्या ने बताया कि उसका भाई दादू जेल में है। जानकारी न होने से वह राखी लेकर आई है। इसी तरह पैलानी की शीला तिवारी भी जेल में निरुद्ध अपने भाई संतोष के लिए राखी लेकर पहुंची। लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें कोरोना संक्रमण के चलते समझाकर वापस कर दिया। जेल अधीक्षक आरके सिंह ने बताया कि कोरोना को लेकर दो दिन लॉक डाउन रहा है। इसके चलते राखियां खोले गए काउंटर में कम आई हैं। रक्षाबंधन के दिन जेल में बंदियों की संख्या 966 रही है। इसमें 42 महिला बंदी शामिल हैं। स्पेशल खाना सभी बंदियों को दिया गया है।