कालिंजर महोत्सव में जलवा बिखरेंगे महिला समूहों के उत्पाद
जागरण संवाददाता, बांदा : ऐतिहासिक व पौराणिक कालिंजर कार्तिक पूर्णिमा मेले में महिला स्व
जागरण संवाददाता, बांदा :
ऐतिहासिक व पौराणिक कालिंजर कार्तिक पूर्णिमा मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पाद कठिया का दलिया, बुकून आदि जलवा बिखरेंगे। प्रदेश के 18 जिलों से महिला समूह मेले में स्टाल लगाएंगे। सात दिन चलने वाले इस आयोजन में मंडलीय सरस मेले में शामिल होने वाली महिलाओं के ठहरने व खाने-पीने आदि की व्यवस्था एनआरएलएम करेगा।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन निदेशक ने कालिंजर के पौराणिक मेले में महिलाओं समूहों के उत्पादों के स्टाल लगाने के लिए जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया है। इसके तहत मंडल स्तर पर मंडलीय सरस मेले का आयोजन संबंधी जरूरी निर्देश दिए गए हैं। पत्र के मुताबिक यह मेला कालिंजर के नील कंठेश्वर मंदिर में 22 से 27 नंवबर तक होने वाले कार्तिक महोत्सव में लगाया जाना है। इसमें बुंदेलखंड सहित प्रदेश भर से 18 जिलों के उत्कृष्ट उत्पाद तैयार कर रहे महिला समूहों का चयन किया गया है। प्रत्येक जिले से दो से चार समूह तक स्टाल लगाएंगे। इन स्टालों पर बुंदेलखंड का कठिया का दलिया, आचार, मुरब्बा, जेम-जेली सहित आगरा का पेठा तक अपनी खुशबू बिखेगा। दूसरे जिलों से आने वाले समूह की महिलाओं को रेल व बस आदि से उतरने के बाद रात में ठहरने के लिए जैन धर्मशाला में व्यवस्था होगी। महिलाओं के आने-जाने का खर्च भी एनआरएलम विभाग वहन करेगा। सात दिवसीय मेले में समूहों के 40 स्टाल के जरिए करीब एक करोड़ रुपये कमाई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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ये समूह होंगे शामिल
हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा के 4-4, झांसी, जालौन, ललितपुर, फतेहपुर, बस्ती, बागपत, लखमीपुर खीरी, लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, उन्ना व कन्नौज जिले से दो-दो और प्रतापगढ़ से एक स्टाल लगाने की सहमति मिशन निदेशक ने दी है। ये सभी महिलाएं अपने-अपने उत्पादों की मेले में बिक्री करेंगी।
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मेले के एक दिन पूर्व लगेगा स्टाल
एनआरएलएम के जिला समन्वयक राकेश कुमार सोनकर ने बताया कि कालिंजर मेले में महिला समूह स्टाल लगाने के लिए एक दिन पहले आ जाएंगे। उन्हें स्थान चिह्नित कर स्टाल लगाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।