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बांदा में पॉली हाउस तकनीक बढ़ाएगी बुंदेली किसानों की आय

जागरण संवाददाता बांदा उद्यान व कृषि विश्वविद्यालय पॉली हाउस तकनीक से किसानों को आय दुगनी क

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 11:22 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 11:22 PM (IST)
बांदा में पॉली हाउस तकनीक बढ़ाएगी बुंदेली किसानों की आय
बांदा में पॉली हाउस तकनीक बढ़ाएगी बुंदेली किसानों की आय

जागरण संवाददाता, बांदा : उद्यान व कृषि विश्वविद्यालय पॉली हाउस तकनीक से किसानों को आय दुगनी करेंगे। इसमें कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली शिमला मिर्चा, हरी गोभी, खीरा व टमाटर की खेती करेंगे। उद्यान विभाग किसानों की वित्तीय जरूरतें पूरी करेगा तो कृषि विश्वविद्यालय उन्हें तकनीक मुहैया कराएगा। इस वर्ष जिले में 2000 वर्ग मीटर में पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए 21 लाख रुपये खर्च होगा। जनपद में अब कम लागत में बेमौसमी सब्जियां भी तैयार होंगी। इन जैविक सब्जियों से किसान मालामाल होंगे। कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और उद्यान विभाग ने इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार कर ली है। विश्वविद्यालय ने परिसर में पॉली हाउस की संरचना तैयार की हैं। इनमें किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके अलावा उद्यान विभाग किसानों के यहां अनुदान देकर पॉली हाउस बनवाएगा। इस वर्ष जिले में दो हजार वर्ग मीटर में पॉली हाउस तैयार करने के लिए 20.60 लाख रुपये का बजट आया है। इससे दो पॉली हाउस बनेंगे। यह एक-एक हजार वर्ग मीटर को होंगे। इसमें उच्च गुणवत्ता की सब्जियां तैयार होंगी। 20.60 लाख लागत में उद्यान विभाग किसान को 50 फीसद अनुदान देगा। इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालय किसानों को पॉली हाउस में उच्च गुणवत्ता की सब्जी पैदा करने के लिए तकनीक मुहैया कराएगा। पॉलीहाउस बनवाने के लिए किसानों का चयन किया जा रहा है। यदि पॉलीहाउस बनवाने वाले किसानों की संख्या बढ़ती है तो लक्ष्य और बढ़ाया जाएगा।

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किसानों को होगा बेहद लाभ

किसानों को मिलेगा अच्छा लाभपॉलीहाउस के जरिए किसान उच्च गुणवत्ता वाली टमाटर, बीज रहित खीरा, लौकी, शिमला मिर्च व गोभी की खेती करेंगे। उन्हें इससे अच्छा लाभ मिलेगा। टमाटर में एक पौधे में 15 से 20 किलो उपज होगी। वहीं बीज रहित खीरा में एक पौधे में ढाई किलो तक पैदावर होगी। इसमें सब्जियों की देखरेख कम करना पड़ता है। सब्जियों की गुणवत्ता बहुत अच्छी रहती है। इससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। विश्वविद्यालय ने 200 वर्ग मीटर के मॉडल पालीहाउस बनाए हैं। इनमें नेचुरल पाली हाउस, ग्रीन हाउस और कीट रोधी पॉली हाउस शामिल हैं।

-डॉ.आरके सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, सब्जी विज्ञान विभाग, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि, बांदा

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पाली हाउस में मौसम की मार नहीं झेलनी पड़ती है। इससे किसानों की आय तेजी से बढ़ेगी और वह समृद्ध होंगे। कम स्थान में ज्यादा आमदनी मिलती है। इसमें ऊपरी जगह का इस्तेमाल करते हैं। लता वाली सब्जियां ज्यादा से ज्यादा होंगी। किसानों को लागत में 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा।-परवेज खां, जिला उद्यान अधिकारी, बांदा


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