पीकू व नीकू वार्ड तैयार, स्टाफ को दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण
जागरण संवाददाता बांदा कोरोना संक्रमण में अब बच्चों को ज्यादा दिक्कत हो सकती है। इसके लिए
जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना संक्रमण में अब बच्चों को ज्यादा दिक्कत हो सकती है। इसके लिए शासन के निर्देश पर पहले से अस्पतालों में पेडिएट्रिक केयर यूनिट (पीकू) व नीकू वार्ड तैयार कराए गए हैं। चिकित्सकों व स्टाफ को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। लेकिन स्थानांतरण प्रक्रिया से बनी बनाई व्यवस्था पर असर पड़ा है। आगे फिर से तैयारी और करनी पड़ेगी। प्रशिक्षित चिकित्सकों के जाने से अब नए जो आएंगे उन्हें दोबारा इसकी शुरू से पूरी जानकारी देनी पड़ेगी।
पीकू व नीकू वार्ड की व्यवस्था राजकीय मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल में की गई है। इसमें मेडिकल कालेज में 110 बेड का पीकू बना है। जिसमें 50 आइसोलेशन, 30 एचडीयू व 20 आइसीयू बेड हैं। दस बेड ट्राइएज के लिए सुरक्षित किए गए हैं। जिसमें बच्चे के अस्पताल पहुंचते ही प्राथमिक ट्रीटमेंट इन्हीं दस बेडों पर होगा। वहां से बच्चे की स्थिति देखकर तय किया जाएगा कि उसे आगे किस बेड में शिफ्ट करना है। इसमें दस बेड पर एक चिकित्सक जहां तैनात किया गए हैं। वहीं पांच बेड पर एक नर्स की ड्यूटी रहेगी। आइसीयू के प्रत्येक बेड में एक स्टाफ नर्स रहेगी।
एक्जामिनेशन एनईडी लाइट, रेडिएंट वार्मर आदि संसाधनों की और व्यवस्था की गई है। इसी तरह 10 बेड का नीकू वार्ड भी तैयार है। जिसमें छोटे बच्चों को रखा जाएगा। मेडिकल कालेज के 100 चिकित्सक व स्टाफ को अभी तक पीकू व नीकू वार्ड के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। आगे अन्य कर्मी अभी और प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसी तरह जिला अस्पताल में 100 बेड पीकू के बनाए जा रहे हैं। जिसमें अभी तक 60 बेडों की व्यवस्था पूरी हो गई है। 40 बेड की व्यवस्था और की जा रही है। सेंट्रल आक्सीजन पाइप भी दोनों अस्पतालों में लग चुकी है। इनमें सिर्फ आक्सीजन जनरेशन प्लांट से कनेक्शन देना अभी शेष बचा है। जिला अस्पताल में 15 बेड नीकू वार्ड के बने हैं।
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- पीकू व नीकू वार्ड की ज्यादातर तैयारी पूरी हो चुकी है। किसी बच्चे को उपचार की जरुरत पड़ी तो व्यवस्था में किसी तरह की कमी नहीं रहेगी।
डा. मुकेश यादव मेडिकल कालेज प्रचार्य
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- संक्रमित बच्चों के उपचार के लिए बेडों व आक्सीजन की व्यवस्था पूरी हो गई है। कुछ आवश्यक उपकरण अस्पताल में पहले हैं। इसके अलावा और उपकरण मांगने के लिए आर्डर दिया गया है।
डा. उदयभान सिंह सीएमएस जिला अस्पताल