जौरही में पानी पंचायत का आयोजन, सदस्यों को बताए अधिकार
जागरण संवाददाता बांदा बड़ोखरखुर्द ब्लाक के ग्राम जौरही गांव में पानी पंचायत का आयोजन किया
जागरण संवाददाता, बांदा : बड़ोखरखुर्द ब्लाक के ग्राम जौरही गांव में पानी पंचायत का आयोजन किया गया। पानी के संरक्षण को लेकर इसके महत्व के बारे में बताया गया। कहा गया कि 73वां संविधान संशोधन के तहत महात्मा गांधी का सपना ग्राम स्वराज व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ग्राम स्वराज के बजाए ग्राम पंचायत अध्यक्ष तक सीमित रह गई। गांव की सरकार अपने ग्राम में ग्राम स्वराज्य के लिए बेहतर काम कर सकती है, पानी बचाने के दिशा में अब भी समय है।
ग्राम जौरही में आयोजित पानी पंचायत के मुख्य वक्ता रामबाबू तिवारी ने पानी संचयन व संरक्षण को लेकर विस्तार से प्रकाश डाला। पानी पंचायत, ग्राम पंचायत के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 73 वां संविधान संशोधन के तहत ग्राम स्वराज का सपना अधूरा है। मिशन ग्राम पंचायत अध्यक्ष तक नहीं, ग्राम सभा का हर मतदाता गांव सभा का सदस्य होता है। ग्राम पंचायत सदस्य गांव की सरकार के मंत्री होते हैं। ग्राम पंचायत अध्यक्ष मुख्य भूमिका में रहते हैं।
जल समिति कर सकती बेहतर काम
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत सदस्य में से एक जल समिति का अध्यक्ष होता है। वह जल समिति गांव में पानी संरक्षण, कुआं, तालाब, जल निकासी, जल संरक्षण आदि को लेकर कार्य करती है। लेकिन ऐसे अधिकार हमारे ग्राम पंचायत सदस्य नहीं जानते हैं, जिसकी वजह से पानी को लेकर गांव में काम नहीं हो पाता है।
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29 विषयों पर कराया जा सकता है काम
उन्होंने बताया कि 73वें संविधान संशोधन के चलते 29 अनुसूची यानी 29 विषयों में गांव में कार्य किए जा सकते हैं। उनमें से एक पानी का कार्य है। पानी चाहे पेयजल का हो या सिचाई के लिए संरक्षण हो सकता है। तालाबों, कुओं के माध्यम से पानी का कार्य किया जा सकता है। संचालन कर रहे रजनीकांत ने कहा कि वर्तमान में ग्रामीण परिपेक्ष्य में कोरोना की वजह से रोजगार का संकट बढ़ा है और पानी का दुरुपयोग भी बढ़ा है। जरूरत है जलसंरक्षण की, तभी हमारी तकदीर और तस्वीर बदल सकती है। कार्यक्रम में रामकिशोर, बलराम, रामरूप, घनश्याम, रघुवीर, संजय सिंह, बवाली, घनश्याम साहू, मयंक, शिवाकांत, अनिल आदि मौजूद रहे।