सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की अवमानना में परिवहन आयुक्त व रीजनल मैनेजर को नोटिस
संविदा चालक सुरेश सिंह ने रिट दायर करते हुए बताया था कि 12 फरवरी 14 को रिट दायर की थी कि बांदा से कानपुर जाते समय रोडवेज बस की खड़े ट्रक में टक्कर हो गई थी। बस क्षतिग्रस्त हो गई थी और वह घायल हो गया था। जांच के बाद 10 मार्च 15 को उसे नौकरी से निका
जागरण संवाददाता, बांदा : हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी संविदा चालक को बहाल नहीं करने पर तत्कालीन डीएम व वर्तमान में परिवहन आयुक्त और रीजनल मैनेजर परिवहन को अवमानना की नोटिस दी गई है।
संविदा चालक सुरेश सिंह ने रिट दायर करते हुए बताया था कि 12 फरवरी 14 को रिट दायर की थी कि बांदा से कानपुर जाते समय रोडवेज बस की खड़े ट्रक में टक्कर हो गई थी। बस क्षतिग्रस्त हो गई थी और वह घायल हो गया था। जांच के बाद 10 मार्च 15 को उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। हाईकोर्ट ने 23 जनवरी 19 को सेवा बहाल करने के निर्देश दिए थे। शासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील फाइल की गई। जिसे 14 मार्च 20 को स्वीकार करते हुए चालक के पक्ष में दिए गए फैसले को बहाल रखा गया। सुरेश ने फिर क्षेत्रीय प्रबंधक चित्रकूट धाम मंडल में आवेदन देकर नौकरी पर रखने की मांग की। नौकरी नहीं मिलने के बाद उसने 24 सितंबर 19 को कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दायर किया। इस मामले में हाईकोर्ट ने 27 नवंबर 20 को तत्कालीन डीएम व वर्तमान में आयुक्त परिवहन धीरज साहू व रीजनल मैनेजर उप्र. सड़क परिवहन चित्रकूट धाम मंडल संजीव अग्रवाल को अवमानना की नोटिस सीजेएम के माध्यम से भेजी गई।
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वनसंरक्षक को भेजी गई नोटिस
बांदा : हमीरपुर जिले के कुरारा निवासी प्रमोद कुमार सेन को प्रभागीय वनाधिकारी हमीरपुर के आदेश से 27 फरवरी 20 को नौकरी से निकाल दिया गया था। इस पर प्रमोद ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। जिसके बाद नौ जून 20 को हाईकोर्ट ने उसके पक्ष मे फैसला दिया था कि निकालने वाले दिन से ही उसकी नौकरी बहाल की जाती है। आदेश का पालन नहीं होने के बाद प्रमोद ने हाईकोर्ट में सितंबर 20 को अवमानना का वाद दायर किया। जिसमें वन संरक्षक चित्रकूटधाम मंडल कृष्णकुमार सिंह को 11 दिसंबर 20 को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।