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भर्ती मरीजों की कोरोना जांच में लापरवाही, उपचार भी ढुलमुल

केस एक - बदौसा कस्बे के तीमारदार पवन ने अपने घर के मरीज को सोमवार रात को जिला अस्पताल मे

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 04:49 PM (IST)
भर्ती मरीजों की कोरोना जांच में लापरवाही, उपचार भी ढुलमुल
भर्ती मरीजों की कोरोना जांच में लापरवाही, उपचार भी ढुलमुल

केस एक - बदौसा कस्बे के तीमारदार पवन ने अपने घर के मरीज को सोमवार रात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। इमरजेंसी में उपचार के बाद उनके मरीज को अंदर वार्ड में भर्ती कर दिया गया। मंगलवार पूरे दिन कोई चिकित्सक देखने नहीं आया। सीने में दर्द की शिकायत स्वास्थ्य कर्मियों से बताई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। केस दो - शहर के एक मरीज को सांस लेने में दिक्कत, खांसी व बुखार भी था। जिला अस्पताल में भर्ती कराने पर रात में चिकित्सकों ने कोरोना जांच कराने की सलाह दी। लेकिन दूसरे दिन शाम तक कई बार कहने के बाद भी कोई कर्मचारी उनकी जांच करने नहीं पहुंचा। ऑक्सीजन लगी होने से मरीज खुद उठकर जांच कराने नहीं जा पा रहे थे। मामले की जानकारी कई बार सीएमएस को दी गई। इसके बाद जब जांच कराई गई तो वह कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना काल में जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं बदहाल चल रही हैं। मरीज दर्द से कराहते रहते हैं। उनकी परेशानी सुनकर कोई मदद नहीं कर रहा है। इतना ही नहीं भर्ती मरीजों की कोरोना जांच करने में भी लापरवाही बरती जा रही है। जबकि बाद में वही मरीज पॉजिटिव निकल रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जांच में देरी करने से वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों के भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ रहा है। मरीजों की यह भी शिकायत है कि सिलिडरों से ऑक्सीजन कम निकलती है। बदलने के लिए कहने पर स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कर्मी सिलिडर न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं। राउंड में चिकित्सक भी रूचि नहीं ले रहे हैं। जब मन आया मरीजों को देख आते हैं। इससे मरीजों की बढ़ी तकलीफों का सही से उपचार नहीं हो रहा है।

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ओपीडी बंद, इमरजेंसी में देख लिखी जा रहीं दवाएं

अस्पताल में वर्तमान समय 44 मरीज भर्ती हैं। जिसमें 12 मरीजों को इमरजेंसी में उपचार किया जा रहा है। इधर, सामान्य मरीजों के लिए ओपीडी बंद है। इमरजेंसी में सामान्य मरीजों को देखने के बाद चिकित्सक दवाएं लिख देते हैं।

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- भर्ती वार्ड में मरीजों को देखने के लिए चिकित्सकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। मरीजों को दवाएं भी समय से पुड़िया बनाकर पहुंचाई जा रही है। कर्मचारियों को जांच में देरी न करने के निर्देश दिए गए हैं।

- डॉ. उदयभान सिंह सीएमएस जिला अस्पताल


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