अयोध्या में राम मंदिर प्रभु की इच्छा : मनोज जोशी
पद्मम श्री पुरस्कार से सम्मानित व्यंगकार हास्यकार बालीवुड अभिनेता मनोज जोशी जी का आगमन शुक्रवार को बांदा शहर में पहली बार हुआ। बांदा आने का मुख्य कारण है चाणक्य का मंचन जागरण टीम से खास वार्तालाप में मनोज जोशी जी ने बताया की 30 वर्षों से चाणक्य की भूमिका में अपने अभिनय से भारत देश को चाणक्य कि नितियों को पर्दे के माध्यम से चाणक्य किरदार को समाज में स्थापित कर रहे है। आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व इस भारत को चाणक्य ने एकत्र किया चंद्रगुप्त को एकछत्र राज्य का स्वामी बनाया। जिससे यह सिद्ध होता है कि आचार्य चाणक्य कि नितियों का तोड़ किसी भी शासक के पास नहीं था।
गौरव तिवारी, बांदा
अयोध्या में राम मंदिर बने यह प्रभु की इच्छा है। विधि ने जो विधान लिख रखा है वह जरूर होगा। सुप्रीम कोर्ट देश की भावनाओं को समझ रहा है और वह जनता के साथ जरूर न्याय करेगा। यह बात शुक्रवार को प्रख्यात अभिनेता मनोज जोशी ने कही। वे अपने सर्वाधिक लोकप्रिय नाट्य 'चाणक्य' की प्रस्तुति देने के लिए यहां आए थे।
सर्किट हाउस में दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि चाणक्य का अभिनय करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं। मेरे जीवन के आदर्शो में चाणक्य एक प्रमुख अध्याय हैं। इस नाट्य प्रस्तुति का उद्देश्य देश में नैतिक मूल्यों की पुर्नस्थापना करना है। इसीलिए देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी टीम के साथ जाकर इसकी प्रस्तुति देता हूं। चाणक्य की नीतियों के बारे में बोले, कि यदि कोई व्यक्ति 'चाणक्य-सूत्र' का पालन करे तो उसे सदाचारी और यथार्थ जीवन की प्राप्ति हो जाएगी। सामाजिक जीवन में आज भी चाणक्य की प्रासंगिकता सबसे अधिक है। सभी को उनकी नीतिया आत्मसात करनी चाहिए।
संघर्ष के बिना बॉलीवुड में कोई जगह नहीं
उन्होंने बताया कि बॉलीवुड में जगह बनाने के लिए सबसे जरूरी है संघर्ष। यदि ये नहीं कर पाए तो आप किसी भी तरह फिल्मी दुनिया में सफल नहीं हो सकते। मैनें अभिनय की शुरुआत मराठी रंगमंच से की थी। ये मेरी आत्मा है। इसी की बदौलत संघर्ष करने में मदद मिली। हाल ही में 'पीएम नरेंद्र मोदी' फिल्म में अमित शाह का किरदार निभाने वाले मनोज जोशी ने छोटे पर्दे पर आने के सवाल पर कहा कि कहानी और किरदार अच्छा होना चाहिए। पर्दा छोटा या बड़ा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।