23 वर्ष बाद बालिका के हत्यारे को आजीवन कारावास
ने कोतवाली नरैनी में 6 जनवरी 1997 को धारा 302 आईपीसी में दर्ज करायी। प्रथम सूचना अज्ञात के विरुद्ध दर्ज की गई। मृतका घर से शौच क्रिया के लिए खलिहान जाने को कहकर निकली थी। बाद में बच्ची का शव बरामद हुआ। वादी के कथनानुसार उसकी बहन की हत्या मारपीट कर कर दी गई थी। पुलिस विवेचना में लंबे अर्से बाद अभियुक्त को न्यायालय में सुनवाई की गई। न्यायालय सीजेएम ने 1
जागरण संवाददाता, बांदा : अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ/ विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) के न्यायालय ने 23 वर्ष पुराने हत्या के मुकदमा की सुनवाई की गई। अभियुक्त कल्लू (मनमोहन) को हत्या के अपराध में सश्रम आजीवन कारावास तथा 30 हजार रुपये जुर्माना एवं साक्ष्य विलोप के अपराध में सात साल सश्रम कारावास तथा दस हजार अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
नरैनी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मोतियारी में 5 जनवरी 1997 को कल्लू ने गांव के विनोद कुमार की छोटी बहन 9 वर्षीय गायत्री की हत्या कर दी थी। शव को बाबू त्रिपाठी के अरहर के खेत में छिपा दिया था। जिस पर विनोद ने कोतवाली नरैनी में 6 जनवरी 1997 को अज्ञात में धारा 302 आईपीसी के तहत हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था। विवेचना के दौरान अभियुक्त कल्लू का नाम प्रकाश में आया। कल्लू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलिस विवेचना में
लंबे अर्से बाद उक्त मामले की न्यायालय में सुनवाई की गई। न्यायालय सीजेएम ने 18 फरवरी 2019 को सत्र परीक्षण के लिए न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में पत्रावली समिट की। सुनवाई के बाद कल्लू (मनमोहन) पर आरोप तय किए गए। इसके बाद आरोप निर्धारण पत्रावली न्यायालय विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट, अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ के यहां ट्रायल को भेजा गया। अभियोजन के साक्ष्य पर न्यायालय ने दोषी कल्लू को सजा सुनाई है।