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डिफाल्टर घोषित कर शिकायतों को लंबित नहीं रख सकेंगे अफसर

जागरण संवाददाता, बांदा : जिले के अधिकारी अब शिकायतों को डिफाल्टर की श्रेणी में घोषित क

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 10:23 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 10:23 PM (IST)
डिफाल्टर घोषित कर शिकायतों को लंबित नहीं रख सकेंगे अफसर
डिफाल्टर घोषित कर शिकायतों को लंबित नहीं रख सकेंगे अफसर

जागरण संवाददाता, बांदा : जिले के अधिकारी अब शिकायतों को डिफाल्टर की श्रेणी में घोषित कर लंबित नहीं रख सकेंगे। आइजीआरएस पोर्टल में आने वाली शिकायतों की अब नियमित समीक्षा की जाएगी। इसके लिए डीएम ने सीडीओ और एडीएम को नोडल अधिकारी नामित किया है। सीडीओ विकास विभाग से संबंधित और एडीएम अन्य विभागों की शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करेंगे।

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शिकायतों के लिए ग्रामीणों को विभागों के चक्कर न काटने पड़ें, इसके लिए मुख्यमंत्री ने आनलाइन पोर्टल आइजीआरएस शुरू कराया था। पोर्टल पर आने वाली शिकायतों की लखनऊ स्तर पर हर रोज समीक्षा भी की जा रही है। शिकायतें लंबित होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। लेकिन अफसरों ने कार्रवाई से बचने के लिए नया रास्ता खोज लिया है। वह शिकायतों को डिफाल्टर की श्रेणी में घोषित कर देते हैं। ऐसे में कार्रवाई से बचने का रास्ता बन जाता था। लेकिन सरकार ने इस पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं। डीएम हीरालाल ने अपर जिलाधिकारी संतोष बहादुर ¨सह और सीडीओ हीरालाल को डिफाल्टर शिकायतों की समीक्षा और निस्तारण के लिए नोडल अधिकारी नामित कर दिया है। एडीएम संतोष बहादुर ¨सह ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को डिफाल्टर मामलों के साथ मी¨टग में तलब किया है। इनका तीन दिन के अंदर निस्तारण करते हुए आख्या मांगी गई है। यदि भविष्य में आइजीआरएस की कोई भी शिकायत डिफाल्टर श्रेणी में आती है तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। एडीएम ने ऐसी डिफाल्टर शिकायतों पर अफसरों से स्पष्टीकरण भी मांगा है।

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ऐसे होती हैं डिफाल्टर शिकायतें

समस्याएं लेकर आए ग्रामीण शिकायतों को डीएम कार्यालय में आनलाइन दर्ज कराते हैं। कम पढ़े-लिखे व अनभिज्ञता के कारण कोई मोबाइल नंबर लिखने में गलती कर बैठता है तो कोई गांव का नाम गलत कर देता है। ऐसे में अधिकारियों को बहाना मिल जाता है। वे ऐसी शिकायतों का निस्तारण करने के बजाए सीधे डिफाल्टर की श्रेणी में डालकर छुट्टी पा लेते हैं।

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-शासन ने लगातार बढ़ रहीं डिफाल्टर शिकायतों को गंभीरता से लिया है। अब ऐसे अधिकारियों की मानीट¨रग की जा रही है जो शिकायतों के निस्तारण में रुचि नहीं ले रहे हैं। डिफाल्टर की श्रेणी में डाल देते हैं।

-हीरालाल, डीएम, बांदा


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