मुख्तार की निगहबानी के लिए कानपुर के डिप्टी जेलर ने किया ज्वाइन
जागरण संवाददाता बांदा मुख्तार को लेकर मंडल कारागार की हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था है। खा
जागरण संवाददाता, बांदा : मुख्तार को लेकर मंडल कारागार की हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था है। खासकर माफिया की निगहबानी के लिए अलग से गैर जनपदों की जेल के डिप्टी जेलरों की ड्यूटी लगाई जाती है। जिसके चलते अब कानपुर के डिप्टी जेलर ने ज्वाइन किया है। वह अब पूरे एक माह सुरक्षा मामले में मुस्तैद रहेंगे।
मंडल कारागार में 567 बंदियों को निरुद्ध करने की क्षमता है। इसके अलावा जेल में हमेशा करीब साढ़े दस सौ बंदी निरुद्ध रहते हैं। एक तरह जेल में क्षमता से दो गुने बंदी हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्वांचल के माफिया मुख्तार की मौजूदगी है। उसे पंजाब की रुपनगर जेल से यहां से स्थानांतरित किया गया था। चित्रकूट समेत प्रदेश की अन्य जेलों में हुई घटनाओं व मुख्तार की मौजूदगी को लेकर यहां के कारागार की सुरक्षा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए बाडी वार्न , सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे आदि सक्रिय हैं। अलग से कई बंदी रक्षक व हेड वार्डन की मुख्तार की बैरक के आसपास निगरानी रहती है। शासन के निर्देश पर जेल निदेशालय ने अलग से पांच डिप्टी जेलरों का रोस्टर सप्ताह भर पहले जारी किया था। जिसके तहत हर माह गैर जनपद की जेलों से एक डिप्टी जेलर यहां तैनात किए जाते हैं। अगस्त माह में मुख्तार की निगरानी के लिए कानपुर के डिप्टी जेलर रामंचद्र तिवारी ने मंडल कारागार में ड्यूटी ज्वाइन किया है। यह अब 31 अगस्त तक यहां तैनात रहेंगे। वहीं उनके पहले यहां तैनात रहे आगरा जेल के डिप्टी कृपाल सिंह की वापसी के लिए रवानगी की गई है।
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- मंडल कारागार की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। बंदी रक्षकों के अलावा खुद जेल के अधिकारी भी बंदियों की हर गतिविधियों पर नजर रखते हैं। मुख्तार की निगरानी के लिए अलग से डिप्टी जेलर तैनात किए गए हैं।
- पीके त्रिपाठी जेलर मंडल कारागार