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डंप लाइसेंस की आड़ में अवैध खनन

शासन ने डंप के लाइसेंस में इस वर्ष नया शासनादेश जारी किया था। इसके तहत 31 अक्टूबर के बाद सभी डंप अवैध मान लिए जाएंगे और कार्रवाई होगी। लेकिन कुछ बालू कारोबारियों ने पूर्व में ही तीन वर्ष का लाइसेंस बनवा लिया था। अवैध मानकर कार्रवाई शुरू हुई तो कारोबारी सुप्रीम कोर्ट चले गए। वहां से उत्पीड़न की कार्रवाई न किए जाने के आदेश हो गए। इस आदेश की आड़ में बालू कारोबारी नियमों को धता बताते हुए धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन कर रहे हैं और प्रशासन असहाय है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 11:52 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:03 AM (IST)
डंप लाइसेंस की आड़ में अवैध खनन
डंप लाइसेंस की आड़ में अवैध खनन

जागरण संवाददाता, बांदा : शासन ने डंप के लाइसेंस में इस वर्ष नया शासनादेश जारी किया था। इसके तहत 31 अक्टूबर के बाद सभी डंप अवैध मान लिए जाएंगे और कार्रवाई होगी। लेकिन कुछ बालू कारोबारियों ने पूर्व में ही तीन वर्ष का लाइसेंस बनवा लिया था। अवैध मानकर कार्रवाई शुरू हुई तो कारोबारी सुप्रीम कोर्ट चले गए। वहां से उत्पीड़न की कार्रवाई न किए जाने के आदेश हो गए। इस आदेश की आड़ में बालू कारोबारी नियमों को धता बताते हुए धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन कर रहे हैं और प्रशासन असहाय है।

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शासन ने इस वर्ष जून माह में नया आदेश जारी किया था। इसमें कई नए नियम लागू हुए थे। एक तो कोई भी पट्टा धारक व उसका सगा-संबंधी डंप का लाइसेंस नहीं ले सकता है। दूसरा घाट से डंप की दूरी कम से कम छह किलोमीटर हो। डंप का लाइसेंस सिर्फ तीन माह का होगा। 31 अक्टूबर के बाद कोई भी डंप होगा उसे अवैध मानकर नीलामी की कार्रवाई की जाएगी। खनिज विभाग ने जिले में डंप के 14 लाइसेंस जारी किए थे। साथ ही चार लाइसेंस दुरेड़ी, पैलानी, जरर व रिसौरा के पिछले वर्ष बने थे। इन्हें तीन वर्ष की अनुमति मिली थी। 31 तक सभी 14 डंप खत्म हो गए। लेकिन ये चारो डंप आज भी धड़ल्ले से चल रहे हैं। केन नदी के घाटों के निकट नियम विरुद्ध डंप बालू पर प्रशासन व खनिज विभाग ने तो कार्रवाई शुरू की। इस पर ये बालू कारोबारी हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गए। कोर्ट ने जिला प्रशासन को स्थायी डंप वालों के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न किए जाने के आदेश दिए। इन बालू कारोबारियों ने इस आदेश को हथियार बना लिया है। इसकी आड़ में रातों दिन अवैध बालू खनन किया जा रहा है और प्रशासन व खनिज विभाग को असहाय महसूस कर रहा है।

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बालू कारोबार पर एक नजर :

कुल मौरंग पट्टे : 63

नीलाम हुए पट्टे : 16

डंप लाइसेंस : 14

तीन वर्षीय डंप लाइसेंस : 4

मौजूदा में चालू खदान : 4

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-सुप्रीम कोर्ट ने तीन वर्षीय डंप लाइसेंस धारकों के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाई है। ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। समय सीमा खत्म होने के बाद यदि कईं डंप है तो वह अवैध है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

-राजेश कुमार सिंह, जिला खनिज अधिकारी


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